उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन तलाक पीड़िता ने जब पति के कहने पर अपने देवर के साथ निकाह हलाला के लिए मना कर दिया तो देवर ने उस पर एसिड से हमला कर दिया. महिला को मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, जहां उसकी हालत स्थित बताई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर नरेंद्र मोदी औऱ योगी आदित्यनाथ सरकार का पक्ष मांगा है.
नई दिल्ली: बुलंदशहर में तीन तलाक पीड़िता पर एसिड अटैक के मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार से उनका पक्ष पूछा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी केंद्र और यूपी सरकार को देने को कहा. साथ ही पीड़िता ने सुरक्षा और बेहतर इलाज मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.
इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी. पीड़िता पर उसके देवर ने कथित तौर पर एसिड से हमला किया था. उसने उसके साथ निकाह हलाला के लिए मना कर दिया था. पीड़िता दिल्ली की रहने वाली है. उसकी शादी 12 साल पहले हुई थी और डेढ़ साल बाद ही उसके पति ने उसे इंस्टेंट तलाक दे दिया. इसके बाद वह अपने मायके रहने आ गई.रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लाम की परंपरा के तहत पीड़िता के पति ने उससे तलाक के बाद अपने भाई संग निकाह हलाला करने को कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया. इसके बाद महिला के देवर ने गुरुवार को उस पर एसिड से हमला कर दिया.
निकाह हलाला के तहत एक शख्स अपनी पूर्व पत्नी से तब तक दोबारा शादी नहीं कर सकता, जब तक कोई दूसरा शख्स उसे तलाक न दे दे और अलग होने की निश्चित अवधि पूरी न हुई हो. पीड़िता पर हमला उस वक्ता हुआ, जब वह एसएसपी के पास शिकायत दर्ज कराने जा रही थी. एसिड अटैक के बाद महिला को मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
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