बैंकों का 9 हजार करोड़ लेकर लंदन भागे विजय माल्या ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए आज कहा कि देश छोड़ने से पहले वो कई बार वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे और उन्हें बैंकों से अपने बकाया का निपटारा करने का भी ऑफर किया था.
नई दिल्ली: भारतीय बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ का लोन लेकर भागे विजय माल्या ने बुधवार को चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि वो देश छोड़ने से पहले कई बार वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे. उन्होंने कहा कि ‘मैं इसलिए विदेश आया क्योंकि जैनेवा में मेरी मीटिंग थी. मं देश छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मिला और उनके सामने बैंकों से समझौता करने का प्रस्ताव भी दिया.’ माल्या ने कहा कि ‘मैं राजनीतिक फुटबॉल हूं और मेरा विवेक स्पस्ट है.’
विजय माल्या इन दिनों धोखेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं. लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रत्यार्पण को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान विजय माल्या ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट की मदद से वो अपने सारे लोन चुकाने वाले थे.
पत्रकारों ने माल्या से सवाल पूछा कि कोई क्यों पैसों के लेन-देन का मामला निपटाने से कोई क्यों मना करेगा? जबकि आप सांसद में थे?
इस सवाल के जवाब में माल्या ने कहा कि आपको जानकार दिलचस्पी होगी की बैंकों ने कोर्ट में मेरी लोन निपटारे की याचिका का विरोध किया था. आपको उनसे पूछना चाहिए कि वो क्यों मेरे लोन निपटारे का विरोध कर रहे थे.
#WATCH "I met the Finance Minister before I left, repeated my offer to settle with the banks", says Vijay Mallya outside London's Westminster Magistrates' Court pic.twitter.com/5wvLYItPQf
— ANI (@ANI) September 12, 2018
हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए विजय माल्या से मिलने के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है. अरुण जेटली ने कहा कि मैने 2014 के बाद उन्हें कभी मुझसे मिलने की अपाइनमेंट नहीं दी. तो फिर मेरी और उनकी मुलाकात का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.