नई दिल्ली : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पांच जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने वाले हैं. मुख्यमंत्री हरीश रावत का आरोप है कि केंद्र सरकार की ओर से पहले 14वें वित्त आयोग में उत्तराखंड का पैसा काटा गया और अब लगातार उत्तराखंड विरोधी कदम उठाए जा रहे हैं. साथ ही रावत राज्य के एपीएल परिवारों के गेहूं कोटे पर रोक, आईडीपीएल को बेचने के फैसले को भी मुद्दा बनाने जा रहे हैं.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए रावत ने कहा कि भागीरथी ईएसजेड मास्टर प्लान पर केंद्र का रुख हैरत में डालने वाला है. यह इस राज्य के हितों को सबसे बड़ा झटका है और इससे नदी घाटी के इलाकों में लोगों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित होगी. इसलिए, मैंने पांच जनवरी को जंतर मंतर पर एक दिन के सांकेतिक धरने पर बैठने का निर्णय किया है.
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो लगातार राज्य के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है. भागीरथी जोन मास्टर प्लान के साथ राज्य की विद्युत परियोजनाओं में अड़चन लगा दी है. वहीं चुनाव के वक्त केंद्र ने राज्य के 11 लाख से ज्यादा एपीएल परिवारों का गेहूं रोक दिया है.