नई दिल्ली. बीसीसीआई अध्यक्ष की कुर्सी से अनुराग ठाकुर के हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जस्टिस लोढ़ा ने आरएम लोढ़ा ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कोर्ट का यह फैसला दूसरे खेल संघों के लिए नजीर होगी. इस फैसले से क्रिकेट की जीत हुई है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अधिकारी तो आते-जाते रहते हैं. लेकिन यह फैसला खेल की जीत है. यह फैसला आने वाले समय में खेल संघों के लिए मंदिर की तरह होगा. उन्होंने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अदालत ने नए
अधिकारियों की नियुक्ति के लिए दो वरिष्ठ वकील फाली नारीमन और गोपाल सुब्रमण्यम की नियुक्ति की है. उनकी समिति ही फैसला करेगी कि कौन बोर्ड का अध्यक्ष और सचिव होगा.
जस्टिस लोढ़ा ने साफ कहा ‘सुप्रीम कोर्ट का कोई भी फैसला आता है तो उसका सब सम्मान किया जाता है, फैसले को कानून के तहत पालन किया जाता है.’ वहीं अपनी सिफारिशों के लागू करने पर लोढ़ा ने कहा कि इसको लागू करना था और कोर्ट का यह फैसला तार्किक है. हमने सिफारिशों को लागू करने के लिए कोर्ट को 3 रिपोर्टें दी थी फिर सिफारिशों को लागू नहीं किया गया.
गौरतलब है कि बीसीसीआई में सुधार के लिए लोढ़ा ने एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसको लागू करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. लेकिन इस सिफारिशों में नेताओं को बोर्ड से दूर रखने जैसे कई अहम बातें थीं लेकिन इसको लागू न करने के लिए कई बहाने बनाए जा रहे थे.
बोर्ड अध्यक्ष होने की नाते अनुराग ठाकुर की ओर से कोर्ट में दलीलें दी जा रही थीं कि लोढ़ा समिति की सिफारिशें प्रायोगिक तौर पर लागू नहीं की जा सकती हैं. लेकिन कोर्ट ने उनकी किसी भी तर्क को नहीं माना और बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी से अनुराग ठाकुर और सचिव के पद से अजय शिर्के को हटा दिया.