नई दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर कहा है कि यह ऑपरेशन तो सेना ने किया है, लेकिन फैसला सरकार ने लिया था. उन्होंने यह बाद इंडिया न्यूज़ को दिए अपने खास इंटरव्यू में कही है.
पर्रिकर ने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक करने का श्रेय तो पूरा सेना को जाता है, लेकिन फैसला सरकार ने लिया था इसलिए फैसले का क्रेडिट सरकार को जाता है.’ उन्होंने कहा कि राजनीतिक निर्णय के बिना कोई भी बड़ा ऑपरेशन नहीं होता, 1971 में जो युद्ध हुआ था उसका क्रेडिट पूरा कांग्रेस पार्टी और इंदिरा गांधी को मिला था, जिसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था.
पर्रिकर ने कहा कि जो भी बड़ा निर्णय लिया जाता है उसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पक्षों को सरकार को ही देखना होता है. उन्होंने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक से सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी ऐसा नहीं है, सरकार ने ऐसा दावा भी नहीं किया, पाकिस्तान को एक तरह से जवाब देने के लिए यह ऑपरेशन किया गया था.’
आर्मी चीफ चयन करने पर बोले पर्रिकर
पर्रिकर ने आर्मी चीफ के पद पर बिपिन रावत के चयन पर उठ रहे सवाल पर कहा है कि आर्मी में वरिष्ठता के आधार पर ही हमेशा प्रमुखों को चुनना कभी भी प्रक्रिया का भाग नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘चयन प्रक्रिया के लिए पांच से छह लोगों का चयन किया जाता है, अगर वरिष्ठता के आधार पर ही तय करना था तो पांच से छह लोगों का चयन क्यों किया जाता. चयन प्रक्रिया में वरिष्ठता एक प्रिंसिपल रहता है, लेकिन केवल यही एक प्रिंसिपल नहीं होता. सरकार ने कोई प्रक्रिया तोड़ी नहीं है.’
इसके अलावा पर्रिकर ने नोटबंदी को देशहित के लिए लिया गया एक फैसला बताया है. उन्होंने कहा है कि नोटबंदी से देश को काफी फायदा होने वाला है, नोटबंदी के चलते राजस्व को फायदा मिला है.
वीडियो पर क्लिक करके देखें पूरा इंटरव्यू…