एससी-एसटी एक्ट पर भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ में लोकसभा सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी को विचार-विमर्श करना चाहिए. इस मुद्दे पर उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर बच्चे के हाथ से चॉकलेट छीन ली जाए तो वे गुस्सा करते हैं रोते हैं.
नई दिल्लीः एससी-एसटी एक्ट में संशोधनों के लेकर सवर्णों के आक्रोश के बीच लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को कहा कि कानूनी बदलावों में राजनीति नहीं की जा सकती इसलिए जरूरी है कि सभी सियासी दल मिल कर इस विषय पर विचार-विमर्श करें. भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ में संबोधित करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि कानून का मूल स्वरूप बरकरार रखने के लिए संसद में सभी दलों ने वोटिंग की थी.
उन्होंने आगे कहा कि कानून संसद में बनता है लेकिन सभी सांसदों को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम में किए गए संशोधनों के बारे में विचार विमर्श करना चाहिए क्योंकि ये समाज के सभी लोगों की जिम्मेदारी है. उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि एक छोटी से मनोवैज्ञानिक कहानी की मदद से आप लोगों को इस विषय को समझाना चाहूंगी. उन्होंनें कहा कि मान लीजिए अगर मैंने बेटे के हाथ में बड़ी चॉकलेट दे दी और मुझे बाद में लगता है कि इतनी बड़ी चॉकलेट उसके लिए खाना ठीक नहीं होगी.
अब आप बच्चे के हाथ से जबरदस्ती चॉकलेट लेना चाहें, तो आप नहीं ले सकते. ऐसा किया गया तो वह गुस्सा होगा और रोयेगा. लेकिन कुछ समझदार लोग उसे समझा-बुझाकर उससे चॉकलेट ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी को दी हुई चीज तुरंत छीनी जाए तो विस्फोट हो सकता है. उन्होंने कानूनी बदलावों को लेकर विचार-विमर्श को जोर दिया और कहा कि यह सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है पहले एक तबके पर अन्याय किया गया था. उन्होंने कहा कि हमें अन्याय के मामले में बराबरी नहीं करनी हैै.
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