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एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ कल सवर्णों का भारत बंद, मध्यप्रदेश के 5 जिलों में धारा 144 लागू

गुरुवार 6 सितंबर को एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण समाज ने भारत बंद का आह्वान किया है. पुलिस ने सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए राज्य के 5 जिले सतना, भिंड, शिवपुरी और ग्वालियर में धारा 144 लागू कर दी है. दरअसल बीते दिनों एससी/एसटी समुदाय के द्वारा किए गए भारत बंद में बड़े स्तर हिंसा देखने को मिली थी. ऐसे में पुलिस कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है. पुलिस ने राज्य में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है. साथ ही लोगों से शांति बनाएं रखने की अपील की है.

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madhya pradesh: upper cast calls bharat bandh on 6 september against scst amendment, police impimposed section 144 in districts
  • September 5, 2018 7:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

भोपाल. मध्यप्रदेश में एससी/एसटी एक्ट के संशोधन के खिलाफ सवर्ण समाज ने 6 सितंबर गुरुवार को भारत बंद का आह्वान किया है. जिसे देखते हुए पुलिस ने राज्य के 5 जिले सतना, भिंड, शिवपुरी, मुरैना और ग्वालियर में धारा 144 लागू कर दी है. दरअसल बीते दिनों एससी/एसटी समुदाय के लोगों ने सोशल मीडिया की मदद से लोगों को इकट्ठा कर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया था जिसकी वजह से कई जगहों से हिंसा और अगजनी की खबरे सामने आई थीं. ऐसे में पुलिस-प्रशासन सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रहा है. राज्य में अतिरिक्त फोर्स को नियुक्त किया गया है.

आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कर के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट और पैम्फलेट को देखकर यह पता लगा कि कुछ छोटे संगठन एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ भारत बंद करने की योजना कर रहे हैं जिससे राज्य की सुरक्षा में सेंध लग सकती है. ऐसे में भारत बंद बुलावे को देखते हुए राज्य के 5 जिलों में धारा 144 लागू कर दी है. वहीं भारत बंद के दौरान होने वाले विरोध को देखते हुए राज्य के कई मंत्री जैसे यशोधरा राजे सिंदिया, ललिता यादव, नारायण सिंह कुशवाहा ने अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया है.

गौरतलब है कि बीती 2 अप्रैल में दलितों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में काफी ज्यादा स्तर पर हिंसा देखने को मिली और 4 लोग विरोध प्रदर्शन के भेंट चढ़ गए थे. राज्य के ग्वालियर-चंबल इलाके में अधिक मात्रा में हिंसा भड़की थी. ऐसे में पुलिस को डर है कि कहीं सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान एससी/एसटी समुदाय उनका विरोध करते हुए सड़को पर न उतर आए जिससे यह विरोध हिंसा का रूप ले ले. बता दें कि 6 अगस्त 2018 को लोकसभा में एससी/एसटी एक्ट बिल को पास किया गया था. जिसका सवर्ण समाज ने जमकर विरोध किया था.

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