2007 अजमेर ब्लास्ट के दोषी भावेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. भावेश पटेल अपने घर भरूच लौटे तो बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया.
भरूचः 2007 में हुए अजमेर ब्लास्ट के दोषियों भावेश पटेल (40) और देवेंद्र गुप्ता (42) को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. बेल मिलने के बाद जब दोषी भावेश पटेल अपने घर भरूच पहुंचे तो वहां बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) कार्यकर्ताओं समेत तमाम लोगों ने उनका हीरो की तरह स्वागत किया. भावेश को कंधों पर उठाकर उनके घर तक लाया गया. उनके स्वागत में पटाखे फोड़े गए. भावेश को फूल माला पहनाई गईं. डीजे बजाकर भावेश का स्वागत किया गया.
जेल में रहते हुए भगवाधारी स्वामी मुक्तानंद बन चुके भावेश पटेल के स्वागत जुलूस में भरूच नगर पालिका अध्यक्ष सुरबबीन तामकुवाला (बीजेपी), दक्षिण गुजरात के वीएचपी प्रवक्ता विरल देसाई, पार्षद मारुति सिंह अतोदारिया और आरएसएस के कई सदस्य भी शामिल हुए. बताते चलें कि भावेश और देवेंद्र आरएसएस के सदस्य रह चुके हैं. इस बारे में विरल देसाई ने कहा कि भावेश के भाई हितेश ने उन्हें जमानत मिलने के बारे में बताया. जिसके बाद हमने भावेश के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दीं.
बता दें कि भरूच के रहने वाले भावेश पटेल और अजमेर के रहने वाले देवेंद्र गुप्ता को 2007 में हुए अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. 2017 में जयपुर की एक अदालत ने दोनों को सजा सुनाई गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते राजस्थान हाईकोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया. उनके वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि ‘मानवीय संभावनाओं, आकस्मिक सबूतों और अटकलबाजी’ के आधार पर उनके मुवक्किल को सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि अजमेर दरगाह ब्लास्ट में तीन लोगों की मौत हुई थी और 15 लोग घायल हुए थे.
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