गुजरात के पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट को साल 1998 के मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में राज्य की सीआईडी ने हिरासत में लिया है. उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
अहमदाबाद. गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को राज्य सीआईडी ने बुधवार को 22 साल पुराने एक मामले में हिरासत में ले लिया. संजीव भट्ट समेत 7 लोगों को 1998 के मादक पदार्थ से जुड़े एक केस में हिरासत में लिया गया है. इससे पहले गुजरात क्राइम ब्रांच ने भट्ट से पूछताछ की थी.
सीआईडी के डायरेक्टर जनरल आशीष भाटिया ने कहा, भट्ट के अलावा जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे बनासकांठा पुलिस से जुड़े हैं, उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. भट्ट 1996 में बनासकांठा जिले के एसपी थे.
जानकारी के मुताबिक संजीव भट्ट के तहत बनासकांठा पुलिस ने 1996 में सुमेरसिंह राजपुरोहित नाम के वकील को 1 किलो ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उस वक्त बनासकांठा पुलिस ने दावा किया था कि ड्रग्स होटल के कमरे में पाया गया, जो पालनपुर शहर में राजपुरोहित के नाम पर था.
लेकिन राजस्थान पुलिस की जांच में पाया गया कि बनासकांठा पुलिस कथित तौर पर राजपुरोहित को झूठा बताया था. जांच में पाया गया कि बनासकांठा पुलिस ने राजपुरोहित को कथित तौर पर उसके राजस्थान के पाली स्थित घर से अगवा किया. इस साल जून में गुजरात हाई कोर्ट ने राजपुरोहित की अर्जी पर मामले की जांच सीआईडी को सौंप दिया. हाई कोर्ट ने सीआईडी से 3 महीने में जांच पूरी करने को कहा.
भाटिया ने कहा कि सीआईडी को भट्ट के खिलाफ सबूत मिले हैं, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया. हालांकि भट्ट को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. बता दें कि अगस्त 2015 में भट्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेवा से गैरहाजिर रहने के कारण बर्खास्त कर दिया था.
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