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चेन्नई: गुटखा स्कैम मामले में सीबीआई ने की तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और DGP के घर छापेमारी

गुटखा स्कैम मामले में सीबीआई ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और डीजीपी समेत कई बड़े अधिकारियों के यहां छापेमारी की. सीबीआई ने बुधवार सुबह 7 बजे छापेमारी शुरू की और 40 जगहों पर छानबीन की.

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चेन्नई: गुटखा स्कैम मामले में सीबीआई ने की तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और DGP के घर छापेमारी
  • September 5, 2018 12:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

चेन्नई. सीबीआई ने बुधवार को गुटखा घोटाला मामले में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) टी.के. राजेंद्रन के आवास सहित 40 स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने टीम ने चेन्नई में सुबह 7 बजे विभिन्न जगहों पर छापेमारी उरू की. स्वास्थ्य मंत्री और डीजीपी के घर के अलावा पूर्व पुलिस कमिश्नर एस जॉर्ज और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारियों के घर भी पुलिस ने रेड डाली. 10 पॉइंट्स में जानिए क्या है यह स्कैम:

-गुटखा स्कैम गैरकानूनी तरीकों से तंबाकू की बिक्री से जुड़ा है, जिसमें सरकार और पुलिस के आला लोगों को 40 करोड़ रुपये रिश्वत दने का आरोप है.

8 जुलाई, 2017 को आयकर अधिकारियों द्वारा तमिलनाडु में एक पान मसाला और गुटखा निमार्ता पर छापा मारे जाने के बाद यह घोटाला सामने आया था. जो 250 करोड़ रुपये के कर चोरी के आरोपों का सामना कर रहा है.

-तलाशी के दौरान बिजनेसमैन माधव राव के घर के एक डायरी मिली थी. माना गया कि इसमें उन लोगों के नाम थे, जिन्होंने तंबाकू उत्पादकों से रिश्वत ली थी.

-तमिलनाडु में साल 2013 में तंबाकू के उत्पादन, बिक्री या उसे रखने के अलावा गुटखा और पान मसाले पर भी बैन लगा दिया गया था.

-माधव राव की कंपनी एमडीएम भी गुटखा उत्पादन करती है, से पिछले हफ्ते एक खुफिया जगह पर पूछताछ की गई थी.

– तमिलनाडु की एंटी करप्शन ब्रांच ने इस स्कैम की जांच शुरू की थी. अप्रैल में डीएमके के एक नेता की याचिका के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे.

– सीबीआई ने तमिलनाडु सरकार, सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मई में मामला दर्ज किया था.

– जनवरी की शुरुआत में राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपे जाने जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था, ”एेसा प्रतिरोध क्यों”? जब कई एजेंसियां और राज्य शामिल हैं तो मामला सीबीआई को क्यों नहीं दिया जा सकता. राज्य को उसे मदद देनी चाहिए.

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