नई दिल्ली : कैश की कमी आपके नए साल के जश्न में खलल डाल सकती है. 30 दिसंबर को नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद भी केश निकासी की लिमिट बढ़ाने के मूढ़ में नहीं दिख रही है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नोटों की छपाई में हो रही देरी के कारण नकदी निकासी की सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी. जिससे आपके जश्न का रंग फीका पड़ सकता है.
सरकार ने जनवरी के दूसरे हफ्ते में नए नोटों की उपलब्धता के आधार पर नए सिरे से हालात की समीक्षा करने की योजना बनाई है. सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार फिलहाल नए नोटों की उपलब्धता उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो पाई है. चूंकि नए साल के पहले हफ्ते में वेतन बांटा जा ना है इसलिए नकद निकासी में कोई बड़ा बदलाव या रियायत की गुंजाइश नहीं है. हालांकि, दूसरे हफ्ते में स्थिति की समीक्षा के बाद कुछ रियायत दी जा सकती है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद स्थिति सामान्य होने के लिए 50 दिन का वक्त मांगा था. लेकिन 45 दिन बीतने के बावजूद जनता को कोई राहत नहीं मिली है. मौजूदा व्यवस्था के अनुसार बैंक खातों से एक सप्ताह में सिर्फ 24,000 रुपए तक निकासी की जा सकती थी. लेकिन कैश की कमी के कारण बैंकों ने 24 हजार की निकासी में भी असर्मथता जताई.
यहां भी पढ़ें- भले ही मजाक उड़ाएं लेकिन भ्रष्टाचार के सवाल का जवाब दें PM मोदी: राहुल गांधी
यहां भी पढ़ें- भले ही मजाक उड़ाएं लेकिन भ्रष्टाचार के सवाल का जवाब दें PM मोदी: राहुल गांधी