नई दिल्ली: आज से ठीक 12 साल पहले 26 दिसंबर 2004 की तारीख शायद कोई भूल पाएगा. इस दिन दुनिया ने जो बर्बादी देखी ऐसी कभी नहीं देखी गई थी. आज के दिन इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में 9.15 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण हिंद महासागर में उठी सुनामी लहरों ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में तबाही मचा दी थी.
इस भयानक प्राकृतिक आपदा में लगभग करीब ढाई लोगों की जान चली गई थी. हिंद महासागर में उठी सुनामी की लहर ने भारत समेत दुनिया के 13 देश (थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बांग्लादेश ) दहल गए थे.
इसकी सबसे ज्यादा मार इंडोनेशिया, दक्षिण भारत और श्रीलंका पर पड़ी. सुनामी के कारण इन देशों में 18 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए. 50 हजार लोग लापता हो गए थे.
हर तरह सिर्फ लाशें ही लाशें दिख रही थी. इस त्रासदी ने इतिहास के पन्नों पर ऐसा खौफ पैदा कर दिया कि सूनामी का नाम सुनते ही लोगों में दहशत फैल जाती है.
सबसे ज्यादा नुकसान इन देशों में
भारत – 1 खरब 63 अरब 80 करोड़ रुपए
श्रीलंका – 94 अरब 50 करोड़ रुपए
थाईलैंड – 1 खरब 80 करोड़ रुपए
इंडोनेशिया – 2 खरब 83 अरब 50 करोड़ रुपए
तबाही की सुनामी
मौतें- लगभग ढाई लाख
देश प्रभावित – 13 देश
घर तबाह – 4 लाख 80 हजार
लोग बेघर – 18 लाख
लापता – 50 हजार
सबसे ज्यादा नुकसान इन देशों में
भारत – 1 खरब 63 अरब 80 करोड़ रुपए
श्रीलंका – 94 अरब 50 करोड़ रुपए
थाईलैंड – 1 खरब 80 करोड़ रुपए
इंडोनेशिया – 2 खरब 83 अरब 50 करोड़ रुपए