प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का षड़यंत्र रचने के आरोप में पांच लेफ्ट कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं. इन्हें अर्बन नक्सल कहा जा रहा है. सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस, पी वरवरा राव और अरुण फरेरा को फिलहाल उनके घरों में ही नजरबंद किया गया है. कथित तौर पर एक पत्र से पीएम मोदी की हत्या के प्लान के मामले में इनकी गिरफ्तारी की गई है. लेकिन क्या पीएम मोदी तक पहुंचना इतना आसान है. हम बता रहे हैं उनके सुरक्षा घेरे की खास बातें.
नई दिल्ली. भीमा कोरेगांव हिंसा में हुई गिरफ्तारी के बाद अर्बन नक्सलियों का पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या का गेम प्लान एक्सपोज हो गया. इस मामले में पुणे टीम ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें वकील सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस, पी वरवरा राव और अरुण फरेरा हैं. इनकी गिरफ्तारी एक पत्र के आधार पर पुणे पुलिस ने की थी. यह पत्र कथित तौर पर दलित एक्टिविस्ट रोना विल्सन के लैपटॉप से बरामद हुआ था. इसमें एक और राजीव गांधी कांड दोहराने की जरूरत की बात कही गयी थी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री का सुरक्षा घेरा भेदना इतना आसान है कि नक्सली उन तक पहुंच पाएं.
पत्र में प्रधानमंत्री मोदी को रोड शो के दौरान मारने की बात कही गई थी. लेकिन पीएम मोदी तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. पीएम मोदी जहां भी जाते हैं, वहां जमीन से लेकर आसमान तक चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाती है. हाल ही में पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में पैदल चलते नजर आए थे. इस दौरान भले ही भीड़ उन्हें देख पा रही थी लेकिन विशेष प्रशिक्षित एसपीजी कमांडोज की नजरें चप्पे-चप्पे पर थीं.
पीएम मोदी जब रोड शो करते हैं तो भीड़ में ही हजारों जवान उनकी निगरानी में लगे होते हैं. पीएम मोदी का सफर शुरू होने से पहले उनके काफिले में चलने वाली कारों की एसपीजी अच्छी तरह जांच करती है. इसमें कई डमी गाड़ियां भी मौजूद रहती हैं. पीएम मोदी के काफिले की एक गाड़ी में जैमर होता है जिसमें दो एंटीना फिट रहते हैं. ये सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी तक रखे विस्फोटक को निष्क्रिय करने में सक्षम होते हैं. साथ ही किसी भी संदिग्ध सिग्नल को पीएम के काफिले तक पहुंचने से रोकते हैं. बाकी यह वीडियो देखकर आपकी समझ में आ जाएगी.