नई दिल्ली: भारत की ही तरफ वेनेजुएला ने भी अपने देश में नोटबंदी की घोषणा कर दी थी. लोगों से कहा गया कि 100 बोलिवर के नोट नहीं चलेंगे इसलिए तीन दिनों के अंदर बैंकों में जाकर नोट बदल लें. भारत की ही तरह यहां भी बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई. इस बीच लोगों की हिम्मत जवाब दे गई और वहां हिंसा भड़क उठी. नतीजा ये हुआ कि मजबूरन सरकार को नोटबंदी का फैसला वापस लेना पड़ा.
बताया जाता है कि राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने देश के सबसे बड़े नोट को बंद करने का फैसला कोलंबियाई माफिया की होल्डिंग और बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए लिया था. लेकिन सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना पड़ा क्योंकि नई करेंसी से भरे तीन विमान समय पर वेनेजुएला नहीं पहुंच सके और लोग बेकाबू होने लगे.
माना जाता है कि वेनेजुएला की 50 प्रतिशत जनता डिजिटल ट्रांजैक्शन नहीं करती है. ऐसे में सरकार के लिए वहां फैली अव्यवस्था को संभालना मुश्किल हो रहा था. साथ ही वहां की मुद्रा की कीमत भी बेहद नीचे गिर गई थी.