महू : मध्य प्रदेश के महू में स्थिति एडवांस टक्निकल कॉलेज में छात्रों ने शिक्षक को जातिसूचक शब्द कहने पर खुद ही सजा सुना डाली. अमूमन तो गलती होने पर शिक्षक छात्र को कान पकड़ने की सजा देता है लेकिन कॉलेज ने छात्रों ने शिक्षक से ही कान पकड़वा लिए.
मामला 17 दिसंबर का है, जब प्रोफेसर विक्रम सिंह ठाकुर ने एक छात्र के लिए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था. इसका छात्रों ने विरोध किया और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. लेकिन, इसके बाद प्रोफेसर ने छात्रों से शिकायत वापस लेने का अनुरोध किया. तब छात्रों ने प्रोफेसर के सामने एक शर्त रख दी.
प्रोफेसर ने पूरी की शर्त
छात्रों ने मांग रखी कि जब प्रोफेसर बाबासाहेब आंबेडकर की जन्मस्थली पर जाकर उनकी मूर्ति के आगे कान पकड़कर माफी मांगेंगे तब ही शिकायत वापस ली जाएगी. प्रोफेसर भी कान पकड़कर माफी मांगने के लिए तैयार हो गए.
कान पकड़वाने के साथ-साथ छात्रों ने प्रोफेसर विक्रम को बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने दुबार ऐसी गलती न करने की शपथ भी दिलवाई. बता दें कि भरतीय संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जानजाति के लोगों के लिए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल दंडनीय अपराध है.
एससी-एसटी कानून के तहत इन दोनों वर्गों के लोगों को अपमानित करने के लिए जातिसूचक शब्दों का उपयोग करना दलित-आदिवासी उत्पीड़न माना जाता है. इसके लिए 10 साल या उससे ज्यादा की सजा दी जा सकती है.