डिप्टी कमिश्नर साहब, बेटी को पढ़ाने के लिए मुझे किडनी बेचनी है, खरीदार कहां मिलेगा

मां की ममता क्या होती है. एक मां अपने बच्चों के लिए क्या कर सकती है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जमशेदपुर की एक मां बेटी की पढ़ाई के लिए अपनी किडनी बेचने को तैयार है.

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डिप्टी कमिश्नर साहब, बेटी को पढ़ाने के लिए मुझे किडनी बेचनी है, खरीदार कहां मिलेगा

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  • December 18, 2016 4:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
जमशेदपुर : मां की ममता क्या होती है. एक मां अपने बच्चों के लिए क्या कर सकती है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जमशेदपुर की एक मां बेटी की पढ़ाई के लिए अपनी किडनी बेचने को तैयार है.
 
झारखंड के जुगसलाई के नया बाजार की रहने वाली सुनीता देवी ने जब जिले के उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर बेटी की पढ़ाई के लिए किडनी बेचने का प्रस्ताव रखा तो डीसी अमित कुमार सन्न रह गए.
 
सुनीता ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा, ‘मेरी बेटी शैली कुमारी पढ़ने में मेधावी है. उसे 10वीं में 89 फीसदी, जबकि 12वीं में 94 फीसदी अंक मिले हैं. उसका एडमिशन भी कम्प्यूटर साइंस में हो गया है लेकिन दो साल से फीस जमा नहीं होने के कारण उसकी पढ़ाई बंद होने वाली है. इसलिए मैंने अपनी किडनी बेचने का फैसला किया है. डीसी साहब आप बताइए कि किडनी खरीदने वाला कहां मिलेगा, क्योंकि इसके अलावा मेरे पास कोई और चारा नहीं है.’
 
सुनीता ने बताया कि 2014 से ही वे सांसद और विधायक तक मदद की गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन मदद के नाम पर एक फुटी कौड़ी आज तक नहीं मिली. फलस्वरुप दो साल से कॉलेज की फीस के तौर पर करीब 2.77 लाख बकाया है.
 
सुनीता की बात सुनकर अमित कुमार ने मदद का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि बेटी की पढ़ाई पैसों की कमी के कारण नहीं छूटेगी. उपायुक्त ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी है और दो-तीन दिन में कोई रास्ता निकालने का निर्देश दिया है.

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