…तो इसलिए लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को बनाया गया थलसेना प्रमुख

नई दिल्ली : सरकार ने शनिवार को नए थल और वायु सेना प्रमुखों के नाम की घोषणा की. लेफ्टिनेंट बिपिन रावत थलसेना और एयर मार्शल बी.एस. धनोआ वायुसेना के नए प्रमुख होंगे. दोनों 23 दिन बाद वह अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे.

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…तो इसलिए लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को बनाया गया थलसेना प्रमुख

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  • December 18, 2016 8:37 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: सरकार ने शनिवार को नए थल और वायु सेना प्रमुखों के नाम की घोषणा की. लेफ्टिनेंट बिपिन रावत थलसेना और एयर मार्शल बी.एस. धनोआ वायुसेना के नए प्रमुख होंगे. दोनों 23 दिन बाद वह अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे.
 
लेफ्टिनेंट बिपिन रावत, जनरल दलबीर सिंह और एयर मार्शल बी.एस. धनोआ, एयर चीफ मार्शल अरूप राहा का स्थान लेंगे. यह नियुक्ति 31 दिसंबर दोपहर बाद से प्रभावी होगी. 
 
सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति छह महीने पहले ही थलसेना सहसेनाध्यक्ष पद पर की थी. उनकी यह नियुक्ति उस समय हुई थी जब घाटी में अशांति का दौर चल रहा था.
 
नए सेना प्रमुख की नियुक्ति से सरकार ने इस बात की ओर संकेत दे दिया है कि वह घाटी की स्थिति पर आगे भी लगाता कड़ी नजर रखे हुए हैं. आइए जानते हैं बिपिन रावत के बारे में कुछ रोचक बाते जिसके बारे हर कोई जानना चाहता है…
 
1-जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. वह इस पद पर पहुंचने वाले उत्तराखंड के पहले अधिकारी है.
 
2-बिपिन रावत ने भारतीय सेना 1978 में ज्वॉइन किया था. उन्होंने 1978 में देहरादून के मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएशन किया. वे गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमीशन हुए.
 
3– लेफ्टिनेंट जनरल रावत के पिता भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे. लेफ्टिनेंट जनरल रावत ने अपनी पढ़ाई शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पूरी की है.
 
4-वे लगातार दूसरे अफसर हैं जो गोरखा बटालियन से सेना प्रमुख के पद पर आए. वतर्मान सेना प्रमुख दलबीर सिहं भी गोरखा राइफल्स से ही हैं.
 
5-लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को ऊंची चोटियों की लड़ाई का खासा अनुभव है. वे कश्मीर घाटी के मामलों पर अच्छी जानकारी रखते हैं.
 
6-लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चमत्कारिक रुप उस वक्त बच गए थे जब वे दीमापुर स्थित सेना मुख्यालय कोर 3 के कमांडर के पद पर कार्यरत थे.
 
7-लेफ्टिनेंट जनरल रावत को ‘काउंटर इंसर्जेंसी का विशेषज्ञ’ भी कहते हैं. कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन के वे कमांडिंग ऑफिसर के पद पर रह चुके हैं.
 
8-रावत को वाइस चीफ नियुक्त किए जाने से पहले को पुणे स्थित दक्षिणी कमान का कमांडिंग ऑफिसर बनाया गया था. मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टोरेट में वे जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 रहे.
 
9-रावत 2008 में कांगो में मल्टीनेशन ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं. इस दौरान उनकी ओर से किए गए काम काफी सराहे गए थे. यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करते हुए भी उनको दो बार फोर्स कमांडर कमेंडेशन का अवार्ड दिया गया.
 

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