नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के एक फैसले को खारिज करते हुए कहा कि ये राज्य भी भारतीय संविधान के दायरे में आता है. जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान भी भारतीय संविधान के अधीन है और राज्य के नागरिक सबसे पहले भारत के नागरिक हैं. शीर्ष अदालत ने जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के एक फैसले को पूरी तरह गलत करार देते हुए यह टिप्पणी की.
कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार यह कहना पूरी तरह से गलत है कि राज्य सार्वभौमिक है क्योंकि यहां के नागरिक अपने आप में एक अलग और विशेष वर्ग के हैं. न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि जम्मू कश्मीर को भारतीय संविधान के बाहर और अपने संविधान के तहत रत्ती भर भी संप्रभुता नहीं है. राज्य का संविधान भारत के संविधान के अधीनस्थ है. पीठ ने कहा कि हमें उच्च न्यायालय को यह याद दिलाने की जरूरत है कि जम्मू कश्मीर के निवासी सबसे पहले भारत के नागरिक हैं.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा था कि संसद के पास कानून बनाने की पात्रता नहीं है. अगर ये राज्य से जुड़े हों. जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा था कि कश्मीर संप्रभु राज्य है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के बाहर जम्मू-कश्मीर को कोई भी शक्ति नहीं दी जा सकती है.