सीबीएसई 10वीं में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को स्कूल के बाहर नहीं निकाला जा सकता. छात्रों के रीएडमिशन के लिए दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ये छात्र कहां जाएंगे.
नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सीबीएसई 10वीं में फेल हुए छात्रों को स्कूल से निकाला नहीं जा सकता. बता दें कि याचिका में सरकार से इस वर्ष सीबीएसई परीक्षा में 10वीं में फेल होने वाले 42,503 बच्चों को फिर से एडमिशन देने की मांग की गई थी. इस मामले पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने दिल्ली सरकार को इस केस में 28 अगस्त तक सूचना देने को कहा. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी छात्रों को बाहर कैसे निकाल सकते हैं आखिर वे कहां जाएंगे.
आपको बता दें कि दिल्ली के स्कूलों से फेल हुए बच्चों को बाहर निकाल दिया गया था. इस मामले पर एक एनजीओ द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट ने की. याचिका में कहना है कि स्टूडेंट्स को स्कूलों से बाहर निकालना दिल्ली स्कूल एजूकेशन रूल्स की अवलेहना है. बता दें कि फेल होने के बाद 42,503 दोबारा एपियर किया था लेकिन वे असफल रहे थे. याचिका में कहा गया कि स्कूल में एडमिशन देने की जगह स्कूल प्रशासन ने टीसी थमा दी या उनसे कहा कि वे ओपन स्कूल चले जाएं.
बता दें कि 1,36,663 बच्चों ने 10वीं के लिए अप्लाई किया था जिसमें से 94,160 बच्चे पास हो गए वहीं 42,503 फेल हो गए थे. फेल हुए बच्चों ने कंपार्टमेंट भी दिया लेकिन वह उसमें भी असफल रहे. एनजीओ की तरफ से कहा गया कि स्कूलों के हेड तो 20 अगस्त को लीगल नोटिस भेजा गया उसकी कॉपी सीएम अरविंद केजरीवाल भी भेजी गईं लेकिन छात्रों को रीएडमीशन नहीं मिला.
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