18वें एशियाई खेलों में दीपिका पल्लीकल को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. भारत को उम्मीद थी कि वह इस बार एशियाई खेलों में अपने पदक का रंग बदलेंगी लेकिन ऐसा करने में दीपिका नाकाम रहीं. दीपिका मलेशिया की डेविड निकोल से पार नहीं पा सकीं. मलयेशिया की 34 वर्षीया प्लेयर निकोल ने सेमीफाइनल मैच में दीपिका को 3-0 से हराया.
नई दिल्ली. 18वें एशियाई खेलों में स्क्वैश में भारत की दीपिका पल्लीकल रजत पदक जीतने से चूक गईं. स्क्वैश महिला एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में हार झेलनी पड़ी. सेमीफाइनल में दीपिका को मलेशिया की डेविड निकोल ने 0-3 हराया. इसके साथ ही उनके फाइनल में पहुंचने की उम्मीद खत्म हो गई. अब उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा है. आज एशियाड के सातवें दिन भारत का ये पहला पदक है.
दीपिका 18वें एशियाई खेलों में अपने पदक का रंग बदलने में नाकाम रहीं. दीपिका ने साल 2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में महिला टीम के साथ सिल्वर मेडल जीता जबकि महिला सिंगल्स में उन्होंने कांस्य पदक पर कब्जा किया था. दीपिका से इस बार उम्मीद थी की वह अपने पदक का रंग बदलेंगी लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाईं.
दीपिका पल्लीकल भारत की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में स्क्वैश की जानी मानी खिलाड़ी हैं. साल 2014 ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में दीपिका ने महिला डबल्स स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं 2018 गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने मिक्स्ड डबल और महिला डबल्स में सिल्वर मेडल हासिल किया था.
26 वर्षीय स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल का जन्म 21 सितंबर 1991 को चेन्नई में हुआ. उनकी मां उनकी माँ अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर रही हैं.दीपिका ने इंग्लैंड में स्क्वैश खेलना शुरू किया और उन्होंने वहां कई यूरोपियन जूनियर स्क्वैश प्रतियोगिताएं जीतीं. साल 2006 में दीपिका ने स्क्वैश में प्रोफेशनल बनीं लेकिन उनका शुरुआती समय काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा. क्रिकेटर दिनेश कार्तिक के साथ शादी करने के बाद दीपिका पल्लीकल, दीपिका पल्लीकल कार्तिक बनीं.
दीपिका अब तक एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में 3-3 पदक जीत चुकी हैं. इसके अलावा उन्होंने वीमन स्क्वैश एसोशियन द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में 6 पदक जीते हैं. दीपिका को उनके शानदार खेल के लिए भारत सरकार ने 2012 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा वहीं 2014 में दीपिका पल्लीकल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया.