नई दिल्ली: अगर आपको भी बैठकर या लेटे हुए पैर हिलाने की आदत है तो सावधान हो जाएं. ये रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं. इसकी मुख्य वजह आयरन की कमी का होना है.
यह समस्या 10 फीसदी लोगों को होती ही है और यह लक्षण ज्यादातर 35 साल से अधिक लोगों में पाए जाते हैं.
क्या होता है रेस्टलेस सिंड्रोम-
यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है. पैर हिलाने पर व्यक्ति में डोपामाइन हार्मोन श्रावित होने के कारण उसे ऐसा बार-बार करने का मन करता है. इस समस्या को स्लीप डिसऑर्डर भी कहा जाता है. नींद पूरी न होने पर इंसान थका हुआ महसूस करता है. इसका जांच करने लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है.
कारण-
यह रोग आयरन की कमी के कारण हो जाता है. इसके अलावा किडनी, पार्किंसंस से पीडि़त मरीजों व गर्भवती महिलाओं में डिलीवरी के अंतिम दिनों में हार्मोनल बदलाव भी कारण हो सकते हैं. शुगर, बीपी व हृदय रोगियों में इसका खतरा बढ़ता है।
ऐसे इलाज है संभव-
इस बीमारी के इलाज के लिए आयरन की दवा ली जाती है. बीमारी गंभीर होने पर अन्य दवाएं दी जाती हैं जो सोने से दो घंटे पहले लेनी होती है. यह नींद की बीमारी दूर करके स्थिति को सामान्य करता है.
इसके अलावा रोजाना व्यायाम करें. हॉट एंड कोल्ड बाथ, वाइब्रेटिंग पैड पर पैर रखने से छुटकारा मिलता है.
अपनी डाइट में आयरनयुक्त चीजें जैसे पालक, सरसों का साग, चुकंदर, केला आदि लें. रात में चाय-कॉफी लेने से बचें. सोते समय टीवी या गैजेट्स से दूर रहें.
शराब व स्मोकिंग से बचें. रात में हल्का खाना लें ताकि नींद अच्छी आए