अब सुप्रीम कोर्ट नहीं करेगा व्यापम घोटाले से जुड़े मामले की मॉनिटरिंग

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश की व्यावसायिक परिक्षाओं (व्यापम) में धांधली से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया कि कम्प्यूटर की हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.

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अब सुप्रीम कोर्ट नहीं करेगा व्यापम घोटाले से जुड़े मामले की मॉनिटरिंग

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  • December 15, 2016 9:40 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश की व्यावसायिक परिक्षाओं (व्यापम) में धांधली से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया कि कम्प्यूटर की हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. वहीं कोर्ट ने घोटाले के ट्रायल की मॉनिटरिंग से भी मना कर दिया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सीएफएसएल रिपोर्ट सौंपी है.
 
 
हैदराबाद की सीएफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार हार्ड डिस्क और पैन ड्राइव के साथ छेडछाड नहीं हुई है. इस रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिग्विजय सिंह और विसवब्लोअर की याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने  कहा है कि निचली अदालतें मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम मामले को निचली अदालतों को भेज दिया है, 
 
 
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 170 शिकायतों में से 117 मामलों में जांच की जा चुकी  है और 48 मामलों में चार्जशीट दाखिल की कई है जिसमें 137 आरोपी हैं. इसके अलावा 37 मामलों में जांच चल रही है. एजेंसी के मुताबिक 20 अदालतें व्यापम से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रही हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को कहा कि तीन महीने में इन मामलों की जांच पूरी करे. 
 
 
दरअसल सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने आरोपी से मिले पैन ड्राइव और हार्ड डिस्क की जांच कराने को कहा था. याचिका में कहा गया कि व्यापम घोटाला में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई बडे नाम शामिल हैं जिसकी वजह से सबूतों के साथ छेडछाड की गई है.
 
 
क्या है व्यापम घोटाला?
व्यापम एक प्रोफेशनल एजुकेशन का संक्षिप्त रूप है, जिसके तहत राज्य में प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं. यह एक मंडल के रूप में काम करता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में व्यापम परीक्षा घोटाले में तब्दील तब हो गया. घोटाले की शुरुआत हुई कॉन्ट्रैक्ट टीचर वर्ग-1 और वर्ग-2 और मेडिकल एग्जाम से. 
 
 
जानकारी के अनुसार इसमें ऐसे लोगों को पास किया गया, जिनमें एग्जाम में बैठने तक की योग्यता नहीं थी. और तो और तमाम सरकारी नौकरियों से लेकर पुलिस भर्ती तक हजारों लोगों की भर्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गईं. खासकर वो नौकरियां व प्रवेश जो 2011 के बाद परीक्षाओं के तहत दिये गए.

 

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