नई दिल्ली: भारत की महान विभूति लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 66वीं पुण्यतिथि है. उनका निधन 15 दिसंबर 1950 को हुआ था. उन्होंने गृहमंत्री के तौर पर देश को एकजुट करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयास किया. देश के पहले उप प्रधानमंत्री बने.
जीवन परिचय
वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था. उनके पिता झावेरभाई किसान थे और मां लाडबाई साधारण महिला थी. सरदार वल्लभ की प्रारंभिक शिक्षा करमसद में हुई. वल्लभाई पटेल उनका विवाह झबेरबा से हुआ. 1904 में उन्हें बेटी और 1905 में बेटा दहया भाई प्राप्त हुए. सरदार पटेल को उनके बड़े भाई ने बैरिस्टरी पढ़ने के लिए भेजा. वहां से वे 1913 में भारत लौटे और फिर अहमदाबाद में उन्होंने वकालत करना शुरू किया. उसके बाद महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया.
वल्लभ भाई के बारे में जानें कुछ खास बातें…
- आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष कहा जाता है
- बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की.
- आजादी के बाद 500 से ज्यादा रजवाड़ों और रियासतों को भारत में मिलाया.
- प्रान्तीय कांग्रेस समितियां पटेल के पक्ष में थीं. गांधी जी की इच्छा का आदर करते हुए पटेल जी ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अपने को दूर रखा और इसके लिये नेहरू का समर्थन किया.
- उन्हें उपप्रधान मंत्री एवं गृह मंत्री का कार्य सौंपा गया.
- सरदार वल्लभ भाई ने IAS, IPS और केंद्रीय सेवाओं को शुरु करने में भी अहम रोल निभाया.
- कानून की किताबें खरीदने के लिए बल्लभ भाई के पास पैसे नहीं थे. उन्होंने किताबे मांगकर अपनी पढ़ाई पूरी की.
- लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.