नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री से लेकर सरकार में मौजूद मंत्री हर कहीं कैशलेस की बात कर रहे है. देश के दूरदराज के इलाकों में मंत्री चाय पीकर पैसे पेटीएम जैसे ई-वॉलेट से दे रहे है. संदेश यही दिया जा रहा है कि अब इंडिया कैशलेश की तरफ बेफिक्री से बढ सकता है कहीं कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन दिक्कत है और बड़ी दिक्कत है और सिर्फ़ दिक्कत ही नहीं बड़ा सवाल भी है कि क्या कैशलेस लेनदेन फ्रॉडलेस भी है?
ये सवाल इसलिए क्योंकि धोखाधड़ी के ऐसे मामले सामने आने लगे है जिसमें ई वॉलेट से पैसा उड़ा लिया गया. कानपुर में मोबाइल रीचार्ज करने वाले दुकानदार लाल जी ने बीस दिन पहले पेटीएम में अपना ई वालेट अकाउंट खुलवाया था. लाल जी जिस भी कस्टमर का मोबाइल फोन रीचार्ज करते है उसका पैसा वह पेटीएम के जरिये ले रहे है. ग्यारह दिसंबर की सुबह लाल जी के पेटीएम वालेट में मोबाइल रीचार्ज का 8286 रुपया था लेकिन जब शाम को बैलेंस चेक किया तो वह जीरो दिखाने लगा.
लाल जी ने जब पेटीएम कंपनी में शिकायत की तो वहां के कर्मचारी दुकान पर आये और उनके पेटीएम में आठ रुपये ट्रांसफर करने के बाद बैलेंस चेक किया तो आठ रुपये ही दिखा. लाल जी का कहना है कि पेटीएम कंपनी में शिकायत किये दो दिन हो चुके है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुयी. लाल जी जैसे कैशलेस फ्रॉड के कई और मामले भी सामने आए हैं.
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