नासा के वैज्ञानिकों ने भारत के अंतरिक्ष यान 'चंद्रयान-1' के आंकड़ों के आधार पर चांद पर बर्फ होने की पुष्टि की है. भारत ने करीब 10 साल पहले इस चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया था.
नई दिल्लीः आज पूरी दुनिया में भारत के अंतरिक्ष यान ‘चंद्रयान-1’ का डंका बज रहा है. ‘चंद्रयान-1’ की मदद से नासा के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर बर्फ होने की पुष्टि की है. नासा ने बताया कि उन्हें चंद्रयान-1 से जानकारी मिली है कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के अंधेरे और ठंडे हिस्सों में बर्फ मिली है.
वैज्ञानिकों ने दावा किया कि चांद की सतह पर कुछ मिलीमीटर तक बर्फ मिलने से इस बात को पुख्ता किया जा सकता है कि उस बर्फ का इस्तेमाल भविष्य की चंद्र यात्राओं में संसाधन के रूप में किया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह बर्फ कुछ-कुछ दूरी पर मिली है. बर्फ देखकर कहा जा सकता है कि यह संभवत: बहुत पुरानी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन आंकड़ों से इस बात के भी संकेत मिलें हैं कि चंद्रमा पर पानी भी संभव हो सकता है.
वैज्ञानिकों ने आगे कहा कि आगे के अभियानों में चांद पर पानी की मौजूदगी खोजने के प्रयास जारी रहेंगे ताकि चांद पर जीवन की संभावनाओं को पुख्ता किया जा सके. बता दें कि चांद पर भारत के अगले मिशन यानी चंद्रयान-2 को 2019 में पृथ्वी से रवाना किया जाएगा. पहले इसी साल अंतरिक्ष भेजा जाना था मगर अब इसके डिजाइन और तकनीक में कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि यह सही तरीके से अपने मिशन में कामयाब रहे.
बताते चलें कि नासा के वैज्ञानिक चंद्रमा पर जीवन तलाशने की दिशा में चल रही खोज को लेकर इसे बड़ी सफलता मान रहे हैं. वैज्ञानिकों को यह भी जानकारी मिली है कि चांद के साउथ पोल पर जो गड्ढे मिले हैं उनमें बर्फ है. इसके अलावा उत्तर पोल पर भी चौड़ी बर्फ की जानकारी मिली है मगर यह खंडित हिस्सों में है. अब वैज्ञानिक चंद्रयान-1 से मिली जानकारी की पुष्टि NASA के मून मिनरलॉजी मैपर इंस्ट्रूमेंट से कर रहे हैं. चंद्रयान-1 की इस उपलब्धि से भारतीय वैज्ञानिक भी बेहद उत्साहित हैं.
In the darkest and coldest parts of the Moon's poles, ice deposits have been found. At the southern pole, most of the ice is concentrated at lunar craters, while the northern pole’s ice is more widely, but sparsely spread. More on this @NASAMoon discovery: https://t.co/kvjPbMrEWK pic.twitter.com/ZkVFyKrOB6
— NASA (@NASA) August 20, 2018
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