पलवल : गुर्जर समाज में दो ऐसे गोत्रों में अब शादी हो सकेगी, जिनमें पिछले छह सौ साल से वैवाहिक संबंधों की मनाही थी. तंवर और पायल गोत्र के चौधरियों ने मिलकर रविवार को यह फैसला लिया है.
गांव अमरौली में रविवार को हरियाणा सहित दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कई अन्य राज्यों से तंवर और पायल गोत्र के चौधरी इकट्ठा हुए थे. चौधरियों ने काफी चर्चा के बाद यह फैसला लिया. गुर्जरों में इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, गुरुगाम जिले के अनंत राम तंवर और गांव अमरौली के पूर्व सरपंच रामी के अनुसार पंचायत में पिछले दिनों अधाना-नागर गोत्र, उससे पहले चंदीला-नागर और बैसला-कसाना गोत्र के बीच भी शादी को मंजूरी दी गई है.
कई अहम फैसले हुए
उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में जरूरत है कि सदियों पुरानी इन बंदिशों को खत्म किया जाए. इसलिए इन दोनों गोत्रों में वैवाहिक रिश्तों को मंजूरी दी गई. समाज को इससे मजबूती मिलेगी.
इसके अलावा पंचायत में शादियों में डीजे न बजाने, हथियार लेकर न चलने, आतिशबाजी न करने, दान-दहेज का दिखावा न करने, दहेज की सूची न पढ़ने जैसे महत्वपूर्ण फैसले भी हुए. बता दें कि पलवल जिले में तंवर गोत्र का गांव कारना और पायला गोत्र का गांव अमरौली है. इसके अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी इन गोत्रों के गांव हैं.