जाने मुस्लिम क्यों मनाते हैं ‘ईद मिलाद-उन-नबी’

ईद मिलाद-उन-नबी मुस्लिम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो 571 ईसवी को शहर मक्का पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.

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जाने मुस्लिम क्यों मनाते हैं ‘ईद मिलाद-उन-नबी’

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  • December 12, 2016 10:02 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: ईद मिलाद-उन-नबी मुस्लिम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो 571 ईसवी को शहर मक्का पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इसमें बोहरा समाज के लोग इस अवसर पर जुलूस निकालते हैं. हजरत मुहम्मद ने ही इस्लाम धर्म की स्‍थापना की थी, ये इस्लाम के आखिरी नबी माने जाते हैं, ऐसा भी माना जाता है कि इनके बाद कयामत तक कोई नबी आने वाला नहीं है.
 
यह त्योहार रबी अल-अव्वल को मनाया जाता है जो इस साल 12 दिसंबर को पड़ है. इसके अलावा इस त्योहार को बारावफात के नाम से भी जाता है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आज देशवासियों को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की शुभकामनाएं दी और आशा जताई की यह त्योहार भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ाएगा.
 
हजरत मुहम्मद इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया था. ये इस्लाम के आखिरी सन्देशवाहक और सबसे महान नबी माने जाते हैं, जिन को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल द्वारा कुरान का सन्देश दिया था. मुस्लिम इनके लिए हमेशा परम आदर भाव रखते हैं. ये इस्लाम के सफल संदेशवाहक माने जाते हैं. हजरत मुहम्मद वह शख्स हैं, इन्होने हमेशा से ही सच बोला और सच का ही साथ दिया. इनके दुश्मन भी इनको हमेशा सच्चा कहते थे.
 
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि इस त्यौहार के मौके पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं. इस पवित्र दिन हम हजरत मोहम्मद साहब के आदर्शों और जीवन को याद करें और खुद को मानवता की सेवा में समर्पित करें.
 
पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि मिलाद-उन-नबी की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं. हम आशा करते हैं कि यह त्यौहार हमारे समाज में भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ाएगा. 
 
लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मिलाद-उन-नबी की शुभकामनाएं सभी देशवासियों को दी. महाजन के अनुसार नबी का त्यौहार आपसी तालमेल और शांति का संदेश देता है.

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