स्वीडन में हुई कचरे की कमी, दूसरे देशों से कर रहा है आयात

आज की तारीख में कचरा किसी भी देश के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. हर देश इस समस्या से निजात पाने के लिए नए से नए तरीकें निकाल रहा है. पर स्वीडन में कचरे की कमी हो गई है जिसकी वजह से उसे दूसरे देशों से कचरा आयात करना पड़ रहा है.

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स्वीडन में हुई कचरे की कमी, दूसरे देशों से कर रहा है आयात

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  • December 11, 2016 5:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: आज की तारीख में कचरा किसी भी देश के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. हर देश इस समस्या से निजात पाने के लिए नए से नए तरीकें निकाल रहा है. पर स्वीडन में कचरे की कमी हो गई है जिसकी वजह से उसे दूसरे देशों से कचरा आयात करना पड़ रहा है.
 
दरअसल स्वीडन अपने जरूरत की आधी से ज्यादा बिजली कचरे से ही बनाता है. वहां 1991 से ही जैविक ईंधन के इस्तेमाल पर भारी टैक्स का प्रावधान है. जिसकी वजह से वहां से निकलने वाला सारा कचरा रिसाइकलिंग सेण्टर में जाता है.
 
जहां इसे जलाकर बिजली का निर्माण किया जाता है. अब हालात ऐसे हो गए है कि स्वीडन में बिजली बनाने के लिए कचरे की कमी पड़ गई है. ऐसे में वहां अन्य देशों से कचरे का आयात किया जा रहा हैं. 
 
इस समय स्वीडन अन्य यूरोपीय देशों से कचरे का आयात कर रहा हैं. यूरोपीय यूनियन के देशों में कचरा स्थलों पर प्रतिबन्ध है. जिसके चलते वे अपना कचरा स्वीडन भेज रहे है.
 
स्वीडन सरकार का कहना है कि बाहर के देशों से इस तरह कचरा मंगाने की ये स्थिति अस्थायी है. हम जल्द ही इससे निजात पा लेंगे.

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