Sharad Purnima 2018 Date Calendar: शरद पूर्णिमा में ऐसे करे मां लक्ष्मी की पूजा

Sharad Purnima 2018 Date Calendar: शरद पूर्णिमा को आश्विन मास के नाम से भी जाना जाता है. और कई लोग इस को कोजागरी के नाम से भी जानते है. इस साल यह शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

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Sharad Purnima 2018 Date Calendar: शरद पूर्णिमा में ऐसे करे मां लक्ष्मी की पूजा

Aanchal Pandey

  • August 20, 2018 2:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: कैसे करें कोजागरी पूर्णिमा व्रत, पढ़ें विधि और महत्व, शरद पूर्णिमा की तिथि में हिंदू धर्म का विशेष स्थान होता है. प्रत्येक मास की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व होता है. पर शरद पूर्णिमा बहुत ही श्रेष्ठ मानी जाती है. इस साल बड़ी ही अत्तर तिथि है शरद पूर्णिमा को काजोगरी नाम से भी जाना जाता है. शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस पूर्णिमा पर रात्रि में जागरण करने व रात भर चांदनी रात में रखी खीर को सुबह भोग लगाने का विशेष महत्व है.

शरद पूर्णिमा को बहुत शुभ और सकारात्मक माना जाता है. शरद पूर्णिमा की पूजा करने से सारे कष्ट और विपत्तियां दूर हो जाती हैं. पुरानी मान्यताओं के हिसाब से इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था. और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए ताकी धन की प्राप्ति हो इस तिथी को बहुत उत्तम माना जाता है. इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग वरदान प्राप्त किए जाते हैं.

शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथी है, इस दिन से शरद ऋतु का आरम्भ होता है. इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त होता है. और इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है. प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था. इस दिन प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है. पर प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है इस बार शरद पूर्णिमा 05 अक्टूबर को होगी. शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है.

शरद पूर्णिमा व्रत विधि
सुबह स्नान करके पूजा करने वाली जगह साफ करना चाहिए. फिर इष्ट देव की पूजा करना चाहिए. इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. फिर ब्राह्माणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए. धन की प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से करना चाहिए. इस दिन व्रत करने से धन की प्राप्ति होती है. रात को चन्द्रमा को भाग लगा कर ही भोजन करना चाहिेए. मंदिरों में खीर दान करने से विधि-विधान होता है. इस दिन चांद की चांदनी से बरसा होती है.

शरद पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त
शरज पूर्णिमा और कोजागर व्रत अश्विन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. अंगेजी कैलेंडर के हिसाब से यह तिथी 23 से 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. 23 अक्टूबर को चंद्रोदय का समय 17:14 बजे शुरु होगा और 24 अक्टूबर 17:49 बजे समाप्त हो जाएगा. और पूर्णिमा की शुरु 23 अक्टूबर को 22:36 बजे से शुरु होगा और 24 अक्टूबर 22:14 को खत्म हो जाएगा.

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