वाराणसी. वाराणसी में रहने संत स्वामी शिवानंद की उम्र 120 साल है. 8 अगस्त 1896 में जन्मे स्वामी शिवानंद एकदम फिट हैं.
स्वामी जी कहते हैं कि उनकी इस सेहत के पीछे के तीन राज हैं. सेक्स से दूरी यानी जीवन भर ब्रह्मचर्य, योग और मसालेदार खाने से दूरी.
शिवानंद अब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस में अपना नाम दर्ज करवाना चाहते हैं. उनके मुताबिक वह ही दुनिया के सबसे उम्रदराज जिंदा शख्स हैं.
उनसे पहले जापान जिरोमॉन किमुरा थे जिन्होने 116 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था. किमुरा का निधन जून 2013 को हुआ था. उनकी कुल उम्र 116 साल 54 दिन थी.
अपनी अब तक की जिंदगी के बारे में बताते हुए शिवानंद कहते हैं कि उनका बचपन बहुत ही गरीबी गुजरा था. जब वह 6 साल के थे तभी मां-बाप दुनिया छोड़कर चले गए.
रिश्तेदारों ने उन्हें धार्मिक गुरु के हाथों सौंप दिया. बड़े हुए तो उन्होंने साधु बनने का फैसला कर लिया. उन्होंने बताया ‘मैंने जिंदगी भर सामान्य और अनुशासित जीवन अपनाया. मैं सादा खाना खाता हूं. केवल उबला हुआ खाना. कोई भी मसाला नहीं होता है. दाल, चावल और हरी मिर्च.’
शिवानंद ने बचपन के दिनों की याद करते हुए कहा कि वह कई बार भूखे पेट भी सोए हैं. जब उनसे दिनचर्या बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पूरी जिंदगी जमीन पर चटाई बिछाकर सोए और तकिए की जगह लकड़ी की पटिया का इस्तेमाल किया.
शिवानंद पहले अपनी उम्र को लेकर कोई पब्लिसिटी नहीं पाना चाहते थे. लेकिन अनुनायियों कहने पर अब वह गिनीज बुक में अपना रिकॉर्ड दर्ज करवाना चाहते हैं. वह आज भी अकेले सफर कर सकते हैं और एकदम स्वस्थ हैं.
अंग्रेजों के समय पैदा हुए शिवानंद ने बदलते भारत को देखा है. गुरु के साथ वह जगह-जगह घूमते थे. तब कारें, फोन, बिजली नहीं थी. आज भी उनको इन चीजों में कोई रुचि नहीं है.
वह बताते हैं कि पहले लोग कम संसाधनों में ही खुश रहते थे. लेकिन आज के दौर में लोग दुखी, बेईमान हो गए हैं जिसे देखकर दुख होता है. स्वामी शिवानंद लोगों को खुश, स्वस्थ और हर ओर शांति देखना चाहते हैं.