यूआईडीएआई 15 सितंबर से फेस रिकगनीशन यानि चेहरे से सत्यापन के फीचर को शुरु किए जाने की बात कही है. इससे फिंगरफ्रिंट से जुड़े फर्जीवाड़े और क्लोनिंग का आशंका खत्म हो जाएगी.
नई दिल्ली. आधार कार्ड पहचान पत्र जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई 15 सितंबर से फेस रिकगनीशन यानि चेहरे से सत्यापन के फीचर की शुरुआत करेगी. इसे टेलीकॉम कंपनियों के साथ शुरु किया जाना है. वहीं दिए गए समय के भीतर इसे न कर पाने वाली कंपनियों के ऊपर जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसको लेकर टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर और अन्य एजेंसियों के लिए बाद में निर्देश जारी किए जाएंगे. हालांकि अभी नई तारीखों के बारे में जानकारी नहीं दी गई.
यूआईडीएआई की ओर से कहा गया है कि सिम लेने के लिए आधार का इस्तेमाल करने पर लाइव फोटो लेकर ईकेवाईसी के फोटो के साथ इसका वेरिफिकेशन किया जाएगा. ऐसा करने से फिंगरफ्रिंट से जुड़े फर्जीवाड़े और क्लोनिंग का आशंका खत्म हो जाएगी. दरअसल इसी साल जून में हैदराबाद की एक मोबाइल डिस्ट्रीब्यूटर फर्म ने आधार की डिटेल लेकर फर्जीवाड़ा कर के हजारों सिम एक्टिवेट कर दीं थीं.
वहीं कई ऐसे लोग होते हैं जिनकी आंखों की आइरिस और फिंगरप्रिंट मैच नहीं करते जिनमें अधिकतर बुजुरग होते हैं. ऐसे में उन लोगों के लिए अब सुविधा हो जाएगी. इसको लेकर यूआईडीएआई की ओर से सर्कुलर जारी किया है. इससे मोबाइल के सिम जारी करने और उसे एक्टिव करने की आडिट प्रक्रिया और सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा.
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