नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एमएलए फंड से होने वाले विकास के कामों को लेकर एमसीडी और केजरीवाल सरकार एकबार फिर आमने-सामने आ गए हैं. दक्षिण एमसीडी ने अपने अधीन आने वाले सभी विकास के कामों में एमएलए फंड के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है. इससे नाराज दिल्ली सरकार ने स्थानीय निकायों के निदेशक को एमसीडी के आदेश को नहीं मानने के निर्देश दिए हैं.
उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एमसीडी न तो काम कर रही है और न ही दूसरों को भी काम करने दे रही है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में होने वाले विकास कार्य में भी रोड़े अटका रही है. सिसोदिया ने कहा है कि एमसीडी के जिम्मे छोटी सड़को, पार्कों और साफ-सफाई आदि की जिम्मेदारी होती है, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह फेल हो गई है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोगों की परेशानियों को देखते हुए हमारे विधायकों ने एमएलए फंड से विकास कार्यों को कराने की कोशिश की तो एमसीडी इसको करने नहीं दे रही है. हालत तो इतने बेकार हो गए हैं कि जंगपुरा के एक पार्क में स्थानीय विधायक ने अपने एमएलए फंड से एक बेंच लगवाई थी लेकिन साऊथ एमसीडी ने उसे उखाड़ दिया.
असल में, साऊथ एमसीडी ने हालही में एक स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पारित किया था. इसमें कहा गया था कि गलियों और पार्कों में एमएलए फंड का इस्तेमाल नहीं हो सकता. इस प्रस्ताव की वजह से एमसीडी के अधिकारियों ने जंगपुरा के पार्क में विधायक द्वारा लगाए गए बेंच को उखाड़ दिया.
इससे नाराज केजरीवाल सरकार ने स्थानीय निकायों के निदेशकों को आदेश दिया है कि एमसीडी ने जो प्रस्ताव पारित किया हो वो अमल में नहीं लाया जाए. वहीं अधिकारियों का ये भी कहना है कि प्रस्ताव को लेकर अभी एमसीडी के कमिश्नर की ओर से किसी भी प्रकार की कोई अधिसूचना जारी नहीं की है. एमएलए फंड से जो भी विकास कार्य रोके गए हैं वे केवल मौखिक आदेश पर ही रोके गए हैं.