नई दिल्ली : दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और माइक्रोसाफ्ट ने ऑनलाइन टेटर से निपटने के लिए अपनी वेबसाइटों से आतंकी सामग्री हटाने का फैसला किया है. इसके लिए सामूहिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा. ये सभी कंपनियां कट्टरपंथी सामग्री के “हैश” एक-दूसरे को साझा करेंगी. इस फैसले के पीछे विश्व भर की सरकारों के दबाव ने भी काम किया.
प्रोग्राम के अनुसार जैसे ही ट्विटर, फ़ेसबुक, यू ट्यूब और माइक्रोसॉफ्ट किसी भी संदेहास्पद सामग्री की पहचान करेंगे, वो इसे एक विशेष डिजिटल सिग्नेचर यानी डिजिटल पहचान दे देगा. जिसका एक डेटाबेस बनाया जाएगा. डेटाबेस में तस्वीरों और वीडियो को डिजिटल तरीके से चिन्हित किया जाएगा. इससे तकनीकी कंपनियों को प्रभावी ढंग से आतंकी सामग्रियों की पहचान में मदद मिलेगी.
बता दें कि यूट्यूब और फेसबुक ने कट्टरपंथी सामग्री हटाने के लिए हैश का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. हालांकि अभी तक कई कंपनियां इस बात को लेकर उलझन में थीं कि इससे सेवा नियमों का उल्लंघन हो सकता है. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक इस साल फरवरी से लेकर अगस्त तक 235,000 अकाउंटों को निलंबित कर चुकी है. उसने कट्टरपंथी सामग्री की निगरानी के लिए टीमों की संख्या भी बढ़ा दी है.