भारतीय रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 70 के स्तर को पार कर गया. रुपये की इस ऐतिहासिक गिरावट पर आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बयान दिया है कि रुपया बाहरी कारणों से गिरा है इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं हैं
नई दिल्लीः भारतीय रुपया 70 साल के इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 70 के स्तर को पार कर गया. रुपये के निचले स्तर पर आने पर सरकार की तरफ से बयान भी आ गया है. इस मसले पर आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि रुपये के गिरावट पर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बाहरी कारणों की वजह से रुपया गिरा है.
बता दें कि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले नीचे गिर रहा है. मंगलवार को मामूली रिकवरी के साथ 69.85 पर खुला था लेकिन कुछ ही देर में फिसल कर 69.85 पर आ गया. सोमवार को रुपया 69.92 पर बंद हुआ था. बता दें कि इस साल अबतक करीब रुपये में 10फीसदी की गिरावट आ चुकी है. तुर्की संकट की वजह से एशिया की दूसरी करेंसी में भी गिरावट आई है. इसी तरह भारतीय रुपया गिरने के बाद आर्थिक मामले के सचिव का बयान आया है कि इस पर घबराने की जरूरत नहीं है.
तुर्की की करेंसी लीरा इस साल 40 फीसदी तक गिर चुकी है. अमेरिका और तुर्की के बीच चल रहे तनाव को चलते सोमवार को ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स भी प्रभावित हुए. इसका असर भारतीय रुपये पर भी हुआ जिससे कि रुपया सोमवार को 69.92 पर आकर बंद हुआ. इस मामले में केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि रुपया इस वर्ष के आखिरी तक भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 72 के स्तर तक भी जा सकता है.
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