कालाधन : अनुमान लगाने में फेल हो गई मोदी सरकार, लोगों ने कर दिया ‘खेल’ ?

नई दिल्ली.  ऐसा लग रहा है कि कालेधन को लेकर मोदी सरकार अनुमान लगाने में नाकाम रही है. नोटबंदी के बाद आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था देश में जितनी मुद्रा है उनमें 86 फीसद 500 और 1000 रुपए के नोट हैं.   वहीं सरकार ने भी संसद में बताया […]

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कालाधन : अनुमान लगाने में फेल हो गई मोदी सरकार, लोगों ने कर दिया ‘खेल’ ?

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  • December 3, 2016 7:59 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली.  ऐसा लग रहा है कि कालेधन को लेकर मोदी सरकार अनुमान लगाने में नाकाम रही है. नोटबंदी के बाद आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था देश में जितनी मुद्रा है उनमें 86 फीसद 500 और 1000 रुपए के नोट हैं.
 
वहीं सरकार ने भी संसद में बताया है कि 29 नवंबर तक 8.45 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस आ जमा किए जा चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार तक 11 लाख करोड़ रुपए जमा किए जा चुके होंगे और अब तक पुराने नोटों को जमा करने काम बंद होना जाना चाहिए था.
 
लेकिन अब जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक यह काम अभी एक और महीने चल सकता है. इसका मतलब है यह है कि जिन लोगों को पास कालाधन था उन लोगों ने आसानी से इसको सफेद कर लिया है या फिर कालेधन लेकर सरकार का आंकलन गलत था.
 
अगर इस बात में थोड़ी बहुत भी सच्चाई है तो विपक्षी दलों का हमला और तेज होगा और सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कालाधन रोकने के लिए क्या कदम उठाए थे.
 
विेशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रचलन से पूरी राशि बैंकों में आ जाती है तो यह बहुत हैरान कर देने वाली बात होगी क्योंकि फिर साफ हो जाएगा कि कालाधन रखने वालों ने इसको किसी तरह से सिस्टम में भेज दिया है. आरबीआई को भी इसका जवाब देना होगा कि क्या उससे नोटों की छपाई के आंकड़े रखने में गड़बड़ी हुई है. 
 
ऐसे हालात में सरकार को राजनीतिक और अफसरशाही स्तर पर होने वाला भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे नहीं तो पूरी कवायद पर पानी फिर जाएगा.
 
तो क्या कहीं और लगी है ब्लैक मनी
11 लाख करोड़ रुपये की राशि के वापस बैंकों में आने से कोई आश्चर्य की बात नहीं है. उनका कहना है कि काले धन को सरकार का आंकलन ही गलत था. भारत में जितना काला धन है उसका बमुश्किल 1-2 फीसद ही नगदी में रखा जाता है.
 
कालेधन की नगदी जन धन खाते, चालू खाते, सोना व मकान खरीदने में लगा दिया गया है. इसके सबूत भी मिल रहे हैं. लेकिन इससे कालेधन पर कोई असर नहीं पड़ा है. कालाधन पहले ही प्रॉपर्टी, सोना में निवेश किया जा चुका है.
 
वहीं ध्यान देने की बात यह है भी है कि वित्त मंत्रलय के अधिकारी ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 14.5 लाख करोड़ में से तीन लाख करोड़ रुपये की राशि वापस नहीं आएगी. 
 

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