'महाराजा' कही जाने वाली एयर इंडिया एयरलाइन्स के पायलटों ने आर्थिक संकट के संबंध में मैनेजमेंट से कुछ सवाल पूछे हैं और इस पर चिंता जाहिर की है. यह वह पायलट हैं जिन्हें अभी तक जुलाई महीने की सैलरी नहीं मिली है.
नई दिल्लीः नागरिक उड्ड्यन के क्षेत्र में भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन यहां की दो प्रमुख एयरलाइन्स एयर इंडिया और जेट एयरवेज आर्थिक संकट से जूझ रही हैं. इसी सिलसिले में एयर इंडिया के कुछ पायलटों ने मैनेजमेंट से पूछा है कि क्या कंपनी के पास विमानों के रखरखाव के लिए पर्याप्त धन है या नहीं. यह वह पायलट हैं जिन्हें जुलाई महीने की सैलरी नहीं मिली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एयर इंडिया के पायलटों के संगठन इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (ICPA) ने शुक्रवार को मैनेजमेंट से पूछा कि एयरलाइन्स के पास नियमित रखरखाव (मेंटेनेंस) के लिए पर्याप्त फंड मौजूद है या नहीं. एयर इंडिया के पायलटों का यह सवाल जेट एयरवेज के उस बयान के बाद आया है जिसके मुताबिक, एयरलाइन्स के बंद होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
बता दें कि एयर इंडिया के पायलटों की सैलरी में लगातार 5वें महीने देरी हुई है. उन्हें जुलाई का वेतन अभी तक नहीं मिला है. इसी बात पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने चेयरमैन को पत्र लिखकर इस मामले को जल्द सुलझाने का आग्रह किया है. बता दें कि एयर इंडिया करीब 51 हजार करोड़ रुपए के घाटे में है. पिछले 8 साल से एयरलाइन्स का घाटा बढ़ता ही जा रहा है.
2015-16 में एयरलाइन्स ने 105 करोड़ रुपए के मुनाफे की जानकारी दी थी लेकिन कैग ने जनवरी 2017 में जो ऑडिट किया था उसकी रिपोर्ट के अनुसार इसे 321 करोड़ रुपए माना गया. दूसरी ओर कर्ज में डूबी एयरलाइन्स को खरीदने के लिए भी कोई आगे नहीं आ रहा है. वहीं जेट एयरवेज की वित्तीय हालत भी काफी खराब बताई जा रही है. घरेलू बाजार में दोनों एयरलाइन्स का मार्केट शेयर 28 फीसदी है.
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