एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के नए उपसभापति बन गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार बी.के. हरिप्रसाद को हराया. पत्रकार से राज्यसभा के उपसभापति बनने तक का ऐसा रहा हरिवंश नारायण सिंह का सफर.
नई दिल्लीः राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह ने जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार बी.के. हरिप्रसाद को हराया. 1992 के बाद पहली बार राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुनाव कराया गया. उस समय कांग्रेस उम्मीदवार नजमा हेपतुल्लाह ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की प्रत्याशी रेणुका चौधरी को हराया था. अब आपको बताते हैं कि कौन हैं राज्यसभा के नए उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह?
वरिष्ठ पत्रकार और जेडीयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताब दियारा गांव में 30 जून, 1956 को हुआ था. विख्यात समाजसेवी रहे जयप्रकाश नारायण का जन्म भी यहीं हुआ था. सारण और बलिया यूपी और बिहार की सीमा से सटे हुए जिले हैं और दोनों ही राज्य सिताब दियारा गांव को अपनी हद में बताते आ रहे हैं.
हरिवंश नारायण सिंह ने गांव से सटे टोला काशी राय स्थित स्कूल से अपनी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा पूरी की. उसके बाद 1971 में जेपी इंटर कालेज सेवाश्रम (जयप्रकाशनगर) से 10वीं पास करने के बाद वह वाराणसी पहुंचे. वहां उन्होंने यूपी कॉलेज से 12वीं और उसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से स्नातक किया. इसके बाद उन्होंने बीएचयू से ही पत्रकारिता की पढ़ाई की.
प्रभात खबर के पूर्व संपादक और जेडीयू सांसद हरिवंश बने एनडीए के राज्यसभा उपसभापति उम्मीदवार
1977-78 में टाइम्स ऑफ इंडिया समूह मुंबई में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में उनका चयन हो गया. 1981 तक वह टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग में उप-संपादक पद पर रहे. उन्होंने हैदराबाद और पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी भी की. 1984 में हरिवंश नारायण सिंह ने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 तक आनंद बाजार पत्रिका (एबीपी) समूह से प्रकाशित रविवार साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक पद पर रहे. वह प्रभात खबर के भी संपादक रह चुके हैं. हरिवंश 1990-91 में प्रधानमंत्री कार्यालय में सहायक सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के पद पर भी रहे थे.
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हरिवंश नारायण सिंह को पढ़ाने वाले शिक्षक बताते हैं कि वह कम बोलते थे लेकिन किसी भी प्रश्न पर तर्क-वितर्क जरूर करते थे. वह जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे. राज्यसभा सदस्य होते हुए भी वह जब भी अपने गांव पहुंचते तो अपने गुरुजनों से मिलना कभी नहीं भूलते. अप्रैल 2014 में उन्हें बिहार से जेडीयू की ओर से राज्यसभा के लिए चुना गया था. उनका कार्यकाल अप्रैल 2020 में पूरा होगा. वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश नारायण सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. वर्तमान में वह जेडीयू के महासचिव भी हैं.
राज्यसभा उपसभापति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह जीते, कांग्रेस के हरिप्रसाद हारे