नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी को एक आपराधिक मामले में कोर्ट में पेश होने को कहा हैं. कोर्ट ने कहा है कि शाही इमाम जामा मस्जिद के प्रमुख होने का लाभ नहीं उठा सकते और उन्हें कोर्ट में पेश होना चाहिए.
दरअसल शाही इमाम ने मजिस्ट्रेटी अदालत के मई, 2016 के आदेश के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका दायर की थी. जिसमे उन्होंने कहा था कि उनको जेड प्लस सुरक्षा हासिल हैं और अगर उनको सुनवाई का सामना करना पड़ा तो असुविधा होगी. उन पर 2001 में सरकारी नौकरशाहों के साथ कथित मारपीट और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज हुआ था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश कुमार शर्मा ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘इसमें दम नजर नहीं आता क्योंकि हाल ही में विपक्षी पार्टी के बड़े नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में बतौर आरोपी तलब किया गया था और उन्हें बहुत अधिक सुरक्षा खतरा है लेकिन बिना किसी असुविधा के अदालत में पेश हुए.’
अदालत ने कहा कि अगर ऐसी छूट और अपवाद को कानूनी क्षेत्र में लाया जाता है तो किसी भी पंथ के तथाकथित धार्मिक प्रमुख को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जा सकेगा.