मुंबई : विवादित इस्लामी प्रचारक और मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक ने आतंकी गतिविधियों की बातों को नकारते हुए आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल होने के आरोपों को गलत बताया है. नाइक का कहना है कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद है. अगर वो आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं तो अब तक लाखों आतंकी खड़े कर देते.
जाकिर नाइक के मुताबिक उन्होंने अपने एनजीओ के कोष का कोई गलत इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने कहा कि ये बात बिल्कुल गलत है कि उनसे प्रभावित होकर कुछ बदमाश आतंकी समूहों में शामिल हो गए. नाइक का कहना है कि वो अगर वास्तव में आतंक फैलाने का काम कर रहे होते तो अब तक लाखों आतंकवादी तैयार कर दिए होते.
समर्थन खो देते हैं
इसके अलावा नाइक का कहना है कि लाखों अनुयायियों में कुछ असामाजिक हो सकते हैं. ये हिंसा के रास्ते को अपनाते हैं.जब वे हिंसा करते हैं तो वे इस्लामी नहीं रह जाते और उनका समर्थन खो देते हैं.
आईआरएफ पर आरोप
दरअसल नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन यानी आईआरएफ पर आरोप है कि उसे विदेशों से मिलने वाले चंदे का राजनीतिक, धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने और आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया है. यह बात तब सामने आई जब मुंबई के चार छात्र आईएस में शामिल होने गए थे. तब इस बात का भी खुलासा हुआ कि वो जाकिर नाइक को फॉलो करते थे.
चंदे पर लगी रोक
बता दें कि आरोपों के बाद गृह मंत्रालय ने आईआरएफ को मिलने वाले चंदे के सोर्स का पता लगाने का आदेश दिया था और केंद्र और महाराष्ट्र सरकार ने जाकिर नाइक की भाषण की सीडी की जांच के भी निर्देश दिए थे. जांच के बाद जाकिर के एनजीओ पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है और विदेश से मिलने वाले चंदे पर भी रोक लगा दी गई है.