नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि फोन के चोरी हो जाने के बाद तमाम प्रयासों के बावजूद आप अपने फोन को ट्रेस क्यों नहीं कर पाते? इसका जवाब और किसी ने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस ने खोजा है.
पुलिस ने बताया है कि आपके फोन को ट्रेस होने से बचाने के लिए फ्लैशर नाम के डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है. यह फोन के ईएमईआई नम्बर को क्रैक कर देता है. ईएमईआई नम्बर 15 डिजिट का ऐसा नम्बर होता है जिसमें आपके फोन की पहचान छिपी होती है.
इस बात का खुलासा 9 नवम्बर को दरयागंज से दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुआ. इनके पास 75 लाख की कीमत के चोरी किये गए फोन जब्त किये गए. पुलिस ने इन फोन्स के साथ-साथ 4 फ्लैशर और एक चोरी का लैपटॉप भी जब्त किया है. पुलिस की ओर से कहा गया है कि यह लोग जेबकतरों से देश भर से चोरी होने वाले फोन खरीदते थे. इसके बाद इनके ईएमईआई नम्बर को बदल कर बेचा जाता था.
पुलिस मोबाइल की ईएमईआई नम्बरको ट्रेस कर ही चोरी के फोन ट्रेस करती है. ऐसा माना जाता है कि फोन में चाहे सिम कार्ड बदल भी दिया जाये लेकिन उसका ईएमईआई नम्बर बदला नहीं जा सकता लेकिन अब फ्लैशर्स नाम के डिवाइस से यह संभव है. यह डिवाइस एक पॉवरबैंक जितना ही बड़ा होता है और एक यूएसबी कॉर्ड, सॉफ्टवेयर की सीडी और लैपटॉप के जरिये फोन का ईएमईआई नम्बर बदल दिया जाता है.
ईएमईआई नम्बर को बदलने में ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट का समय लगता है.