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असम एनआरसी पर कांग्रेस का बड़ा हमला- मनमोहन सरकार ने 82 हजार बांग्लादेशियों समेत अवैध विदेशियों को निकाला, मोदी सरकार ने 1822

असम एनआरसी पर कांग्रेस ने बीजेपी के हमले के जवाब में कहा है कि उसे याद रखना चाहिए कि ये पूरी प्रक्रिया मनमोहन सिंह सरकार ने 2005 में शुरू की और इसके लिए 2009 में 489 करोड़ रुपया देकर 25000 गणना कर्मचारियों की नियुक्ति की. कांग्रेस ने कहा कि तरुण गोगोई सरकार ने 2016 तक इसका 80 परसेंट काम पूरा कर दिया था. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि 2005 से 2013 के बीच में यूपीए सरकार के दौरान 82728 बांग्लादेशी समेत अवैध विदेशी असम से निकाले गए जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने चार साल में मात्र 1822 अवैध विदेशियों को निकाला है जो फिगर खुद सरकार ने संसद में जवाब देकर बताया है.

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असम एनआरसी पर कांग्रेस का बड़ा हमला- मनमोहन सरकार ने 82 हजार बांग्लादेशियों समेत अवैध विदेशियों को निकाला, मोदी सरकार ने 1822
  • August 4, 2018 9:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स यानी एनआरसी के पहले ड्राफ्ट को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि 2005 से 2013 के बीच में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में असम से 82728 बांग्लादेशियों समेत अवैध विदेशियों को निकाला गया जबकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी नीत एनडीए सरकार के चार साल के कार्यकाल में मात्र 1822 अवैध विदेशी निकाले गए हैं.

दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि बीजेपी इस मामले को सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है ताकि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, बैंक घोटाले, नौकरी पैदा करने में नाकामी से जनता का ध्यान भटकाया जा सके.

कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिव अशोक गहलोत के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सूरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार और बीजेपी को ये याद रखना चाहिए कि असम में एनआरसी का पूरा प्रोसेस कांग्रेस ने शुरू किया और जब 2016 में तरुण गोगोई की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार असम में सत्ता से बाहर हुई तब तक इसका 80 परसेंट काम पूरा हो चुका था.

सूरजेवाला ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने 2005 में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू की थी ताकि असम में अवैध तरीके से घुस आए बांग्लादेशियों और दूसरे विदेशियों की पहचान हो सके. इस काम के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने 2009 में 489 करोड़ रुपया देकर 25000 गणना कर्मचारियों की नियुक्ति की और ये काम असम में कांग्रेस की सरकार के दौरान ही 80 परसेंट पूरा हो चुका था. सूरजेवाला ने याद दिलाया कि ये सारा काम तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा किए गए असम समझौते के तहत हुआ है.

सूरजेवाला ने फाइनल ड्राफ्ट लिस्ट के बाद 40 लाख छूट गए लोगों का सवाल उठाते हुए कहा कि उसमें असम के मूल निवासी, हिन्दू बंगाली, नेपाली, गोरखा, चाय बागान जनजाति, सेना और सेना के रिटायर्ड लोग, धार्मिक अल्पसंख्यक और देश के दूसरे राज्यों से असम में बस गए लोग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि हर भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता साबित करने का पूरा न्यायसंगत मौका मिलना चाहिए और कांग्रेस पार्टी हर ऐसे भारतीय नागरिक की मदद करेगी जो तकनीकी कारणों या सबूत के अभाव में अपनी नागरिकता साबित करने से छूट गए हैं.

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