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नोटबंदी पर लालू-शरद से मेल नही खा रहे हैं नीतीश के सुर, फिर बदल रही है बिहार में सियासत ?

नोटबंदी का असर हर जगह दिखाई दे रहा है. सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट है. ममता-केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सड़क पर मोर्चा खोल रहे हैं. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम मोदी के साथ खड़े हैं.

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  • November 26, 2016 9:45 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

पटना. नोटबंदी का असर हर जगह दिखाई दे रहा है. सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट है. ममता-केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सड़क पर मोर्चा खोल रहे हैं. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम मोदी के साथ खड़े हैं.

लोगों का कहना है कि बिहार की राजनीति में अंदर ही अंदर कुछ उबल रहा है. खास बात यह है कि राष्ट्रीय जनता  दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव नोबंदी के फैसले पर नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साध रहे हैं.

अटकलें इस बात की लगाई जा रही हैं कि गुरुग्राम के किसी होटल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार चुपके-चुपके मुलाकात भी कर चुके हैं. हालांकि इस खबर की पुष्टि अभी तक नहीं की जा सकी है.

वहीं राज्यसभा में जेडीयू नेता शरद यादव विपक्षी दलों के साथ मिलकर नोटबंदी के फैसले पर सरकार के खिलाफ जमकर तीर चला रहे हैं.

जबकि सरकार के इस फैसले पर नीतीश कुमार पहले दिन से ही तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने तो यह भी सलाह दे डाली कि सरकार को अब बेनामी संपत्ति पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.

नीतीश कुमार यही नहीं रुके उन्होने कहा ‘प्रधानमंत्री मोदी शेर की सवारी कर रहे हैं. उनका गठबंधन टूट सकता है लेकिन कदम के पीछे भावना सही है.’

वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा की रैली में मंच से ही ऐलान कर दिया कि सरकार दिसंबर के बाद अवैध प्रॉ़पर्टी और बेनामी संपत्ति के खिलाफ हमला बोलने वाली है.

पीएम नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे नीतीश कुमार के बदलते तेवरों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में महागठबंधन में अब किसी भी समय बड़ी दरार दिखाई दे सकती है.

हालांकि बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच बढ़ती नजदीकियों पर दोनों पार्टियों के प्रवक्ताओं कुछ बोलने से इनकार रहे हैं. जेडीयू के नेता तो बकायदा ऐसी किसी भी खबर को खारिज करने से नहीं चूकते हैं. 

लेकिन जिस तरह से आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव की महत्वकांक्षाएं अपने बेटों और बेटियों को लेकर बढ़ रही हैं उससे बहुत पहले अंदाजा बिहार की राजनीतिक विश्लेषको ने अंदाजा लगा लिया था नीतीश कुमार इसको कितने दिन तक बर्दाश्त करेंगे यह देखने वाली बात होगी.

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