कॉन्टेक्ट लिस्ट में UIDAI का नंबर देख उड़े लोगों के होश, आधार अथॉरिटी ने कहा- पुराना है नंबर

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई, के निजता पर उठते सवालों के बीच एक नया विवाद और जुड़ गया है. दरअसल शुक्रवार की सुबह एंड्राइड स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में अचानक आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का टोल फ्री 1800-300-1947 नंबर के फोन में डिफॉल्ट रुप में सेव हो गया. वहीं यूआईडीएआई ने सफाई देते हुए कहा कि लोगों के फोन में यह नंबर कैसा आया इससे उनका लेना देना नहीं है. यूआईडीएआई का यह नंबर पुराना है.

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कॉन्टेक्ट लिस्ट में UIDAI का नंबर देख उड़े लोगों के होश, आधार अथॉरिटी ने कहा- पुराना है नंबर

Aanchal Pandey

  • August 3, 2018 5:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई, को लेकर छिड़ी निजता की जंग में एक और विवाद जुड़ गया है. यह विवाद है एंड्राइड स्मार्टफोन यूजर्स के फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट में अचानक आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का नंबर का सेव होना. यह यूआईडीएआई के नाम से 1800-300-1947 एक टोल फ्री नंबर है जो अचानक कई स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में डिफॉल्ट रुप में सेव हो गया. जिसे लेकर ट्विटर, फेसुबक व सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर बहस छिड़ी है. इस मामले के गर्म होते देख तुरंत यूआईडीएआई ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि 1800-300-1947 यह नंबर दो साल पहले बंद हो गया था. पिछले दो सालों से यूआईडीएआई का टोल फ्री नंबर 1947 ये है.

यूआईडीएआई ने अपना टोल फ्री नंबर दोबारा जारी कर के लोगों को बताया यूजर्स के फोन में यह नंबर कहां से आया इससे उनका कोई लेना देना नहीं है. संस्था के द्वारा यह नंबर तो दो साल पहले ही बंद कर दिया गया था.  भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने सफाई देते हुए कहा कि उसने किसी भी टेलिकॉम कंपनी को अपना हेल्पलाइन नंबर यूजर्स के कॉन्टेक्ट लिस्ट में जोड़ने के भी नहीं कहा.

 सवाल यह उठता है कि यदि यह नंबर यूआईडीएआई का नहीं है तो एंड्राइड स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में खुद यह नंबर कैसे सेव हो गया. इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्विट कर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई का नबंर अवैध रूप से कैसे सेव हो सकता है. इस नंबर के सेव होने का सीधा मतलब है कि धोखाधड़ी करने वाले लोगों ने आपके फोन तक जगह बना ली है.

अखिलेश यादव ने ट्विट कर कहा कि अब लोगों के ऐंड्रॉइड मोबाइल फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट में उनकी मर्ज़ी के बिना ‘आधार कार्ड’ की हेल्पलाइन का नम्बर अवैध रूप से सेव हो गया है. इसका मतलब कुछ लोगों ने आपके फोन और उसकी सूचनाओं तक अपनी पहुंच बना ली है. इनमें वो लोग भी होगें, जो कहते हैं कि EVM पूरी तरह सुरक्षित है. 

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