मुंबई: रिया पिल्लै के टेनिस खिलाडी लिएंडर पेस से संबंधों पर सेशन कोर्ट के फैसले की समीक्षा किए जाने की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंजूर कर ली है. सेशन कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि पेस के साथ रिया के लिव इन रिलेशन का मतलब यह नहीं है कि वह उनकी पत्नी है.
हाई कोर्ट ने मंगलवार को रिया की याचिका को स्वीकार कर लिया. अब कोर्ट के जरिए पेस और रिया के संबंधों को पति-पत्नी का संबंध माना जा सकता है या नहीं इस पर फैसला लिया जाएगा.
घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया
रिया ने मजिस्ट्रेट अदालत में पेस और उनके पिता के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज कराया था. इसमें दलील दी गई कि जोड़ा शादीशुदा नहीं है जिसके बावजूद रिया पेस के साथ पत्नी की तरह ही रह रही थी. इसलिए इस मामले में अदालत को फैसला लेना चाहिए.
पेस के पक्ष में सुनाया फैसला
हालांकि, पेस का कहना है कि रिया के साथ उनका संबंध शादी जैसा लिव इन रिलेशन नहीं था. सेशन कोर्ट ने नवंबर 2015 में पेस के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद फैसले से नाखुश रिया सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट चली गईं.
बेटी के संरक्षण को लेकर मुकदमा
पेस और रिया फैमिली कोर्ट में भी अपनी 10 साल की बेटी के संरक्षण को लेकर मुकदमा लड़ रहे हैं. वहीं न्यायमूर्ति ए.एम बदर ने बेटी को लेकर बान्दरा स्थित फैमिली कोर्ट में चल रही कार्यवाही में रिया को अंतरिम राहत देने से इनकार किया है. इस मामले में पेस ने बेटी की देखरेख का पूरा अधिकार मांगा है जबकि रिया का कहना है कि बच्ची उसके साथ रहनी चाहिए.
बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त से तलाक मांगने के बाद रिया ने पेस के साथ लिव इन रिलेशन में रहना शुरू किया था.