नई दिल्ली. देश भर में 500 और 1000 के पुराने नोटों के बंद होने के बाद से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये मुद्दा अब सियासी रंग ले चुका है. विपक्षी पार्टियां संसद में केंद्र सरकार के इस फैसले का भारी विरोध करते हुए सरकार से इसे वापिस लेने की मांग कर रहे हैं. अब विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के विरोध में 28 नवंबर को भारत बंद बुलाने का ऐलान किया है.
नोटबंदी के विरोध में संसद के भीतर और बाहर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच संग्राम जारी है. नोटबंदी के विरोध में करीब-करीब पूरा विपक्ष एकजुट है. 14 पार्टियां शामिल हैं, जिसमें कांग्रेस, टीएमसी, जदयू, माकपा, भाकपा, एनसीपी, बसपा और राजद जैसे दल हैं. करीब 200 सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया.
इसी मुद्दे को लेकर अब विपक्ष ने 28 नवंबर को आक्रोश दिवस मनाने का एलान किया है. इसके तहत 28 नवंबर को सभी राज्यों में धरने प्रदर्शन होंगे. लेफ्ट पार्टियां पूरे 24 से 30 नवंबर तक प्रदर्शन करेंगी.