पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या का मामला अभी उत्तर प्रदेश में शांत भी नहीं पड़ा था कि एक और पत्रकार के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. इस घटना में पत्रकार ने आरोप लगाया है कि जमीन हड़पने के एक मामले का खुलासा करने के बाद उनके साथ मारपीट की गयी. उधर पत्रकार की हत्या के आरोपी अखिलेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. पिछले 10 दिनों के भीतर यूपी में यह तीसरे पत्रकार पर हुआ जानलेवा हमला है.
नई दिल्ली. पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या का मामला अभी उत्तर प्रदेश में शांत भी नहीं पड़ा था कि एक और पत्रकार के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. इस घटना में पत्रकार ने आरोप लगाया है कि जमीन हड़पने के एक मामले का खुलासा करने के बाद उनके साथ मारपीट की गयी. उधर पत्रकार की हत्या के आरोपी अखिलेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. पिछले 10 दिनों के भीतर यूपी में यह तीसरे पत्रकार पर हुआ जानलेवा हमला है.
जगेंद्र के घरवाले मंत्री की गिरफ्तारी की मांग लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. आपको बता दें कि राममूर्ति सिंह वर्मा पर पत्रकार जागेंद्र सिंह की हत्या का केस दर्ज है. आरोप है कि 1 जून को शाहजहांपुर में कई अखबारों के लिए काम कर चुके स्वतंत्र पत्रक जगेंद्र सिंह के घर वर्मा के इशारे पर जाकर दारोगा ने जगेंद्र से मारपीट की और जिंदा जला दिया. इलाज के दौरान पत्रकार जगेंद्र सिंह की 8 जून को लखनऊ में मौत हो गई थी.
गुरूवार को एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में राममूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है. मंत्री ने कहा कि वो सीएम को बता चुके हैं कि वो निर्दोष हैं और फंसाए जा रहे हैं मरने से पहले जगेंद्र ने अपना बयान दर्ज कराया था. लेकिन न तो पुलिस मंत्री को गिरफ्तार कर पाई है और ना ही अखिलेश यादव ने उन्हें हटाया है. हालांकि मंत्री इस मामले में खुद को निर्दोष बता रहे हैं. शाहजहांपुर में हुई पत्रकार की हत्या मामले में बीजेपी और कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग की है. आपको बता दें कि यूपी में दस दिन के भीतर दो पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं. शाहजहांपुर में हत्या तो कानपुर में गुरूवार को एक पत्रकार दीपक पर हमला हुआ है.
एजेंसी