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अपना पैसा दूसरे के अकाउंट में जमा कराने वालों को हो सकती है 7 साल की जेल

आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसते हुए यह फैसला किया है कि अगर कोई अपनी अघोषित राशि किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में जमा करवाएगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी और जुर्माने के साथ में 7 साल की जेल भी हो सकती है. विभाग ने बेनामी लेनदेन कानून के तहत यह फैसला किया है.

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  • November 21, 2016 3:54 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसते हुए यह फैसला किया है कि अगर कोई अपनी अघोषित राशि किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में जमा करवाएगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी और जुर्माने के साथ में 7 साल की जेल भी हो सकती है. विभाग ने बेनामी लेनदेन कानून के तहत यह फैसला किया है.
 
कालाधन रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बैन करने के ऐलान के बाद यानी 8 नवंबर के बाद से अप्रचलित नोटों के संदिग्ध इस्तेमाल को लेकर करीब 80 से ज्यादा सर्वे और लगभग 30 तलाशियां की गई, जिसमें 200 करोड़ से भी ज्यादा की रकम की अघोषित आय पकड़ में आई थी. इस कार्रवाई में 50 करोड़ का कैश भी जब्त किया गया. 
 
 
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से बैंक अकाउंट में भारी मात्रा में नकद जमा कराने वालों पर आयकर विभाग लगातार नजर रखे हुए है. आयकर विभाग बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 के तहत कार्रवाई कर रही है. 
 
बता दें कि इस कानून के अंतर्गत बैंक में राशि जमा कराने वाले के साथ-साथ जिसके अकाउंट में पैसे जमा कराए जा रहे हैं उसे भी पकड़ा जा सकता है. नोटबंदी के बाद से ही कई लोग सरकार की नजर से बचने के लिए अपने पैसे दूसरों के बैंक अकाउंट्स में जमा करवा रहे हैं.

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