बेटी की हत्या के मामले में कोर्ट ने माता-पिता और चाचा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की अदालत ने दोषियों पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. खरखौदा में शुक्रवार रात हुए तिहरा हत्याकांड में ऑनर किलिंग की आशंका और गहरा गई है.
हिसार. अॉनर किलिंग को लेकर फिल्म बन जाए या सरकार बड़ी-बड़ी बाते बोल दें लेकिन आज भी ये घटना होती है. आपने मूवी ‘सैराट’ तो देखी होगी जिसमें एक दलित लड़का एक उच्च जाति की लड़की से शादी करता है और काफी समय के बाद उसके बच्चे के सामने दंपति को ढूंढ को मार दिया जाता है. ये कहानी भी ऐसी ही दर्दनाक दास्ता बताती है.
हरियाणा हिसार की रहने वाली सुशीला और उसके पति को 4 साल के बाद ढ़ू़ढ़ कर मार दिया गया. ये पूरी तरह से अॉनर किलिंग का मामला है. बेटी की हत्या के मामले में कोर्ट ने माता-पिता और चाचा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की अदालत ने दोषियों पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. खरखौदा में शुक्रवार रात हुए तिहरा हत्याकांड में ऑनर किलिंग की आशंका और गहरा गई है.
कैसे हत्या को अंजाम दी गई
चार साल पहले अंतरजातीय विवाह करने वाली सुशीला का छोटा भाई अपनी बहन के घर आने-जाने लगा था. रात को रुकता था. सुशीला की मां-बहन उससे बाहर मिलती थीं. इस पर परिजनों ने प्रदीप और उसकी पत्नी सुशीला को अगाह किया था कि हो सकता है यह लड़का भेद लेने आता हो. प्रदीप के ताऊ ओमप्रकाश ने बताया, ‘इस दोनों ने ध्यान नहीं दिया.
पति-पत्नी को लगा कि शायद सबकुछ नॉर्मल हो गया है. ससुरालियों पर प्रदीप के इसी भरोसे ने उसका घर उजाड़ दिया. हमें नहीं पता था कि वे विश्वास में लेकर अपने सीने में जल रही आग को शांत होने का दिखावा कर रहे हैं’ उधर, पुलिस की जांच में पता चला है कि झज्जर के बिरधाणा गांव की ऊंची जाति से संबंध रखने वाली सुशीला के बड़े भाई मोनू और उसी जिले के हसनपुर के उसके बुआ के लड़के हरीश का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है. फिलहाल दोनों फरार हैं.