संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वह आज तक सहमत नहीं हो पाए कि आखिर क्यों फिल्म पद्मावत को बैन किये जाने की मांग की गई. साथ ही सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि बैंडिट क्वीन के सामने पद्मावत कुछ भी नहीं
नई दिल्ली. एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत का जिक्र किया. सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि कई राज्यों ने फ़िल्म पद्मावत की रिलीज पर रोक लगाने निर्देश जारी किया था. लेकिन मैं इस बात से सहमत नही हो पाया कि आखिर एक फ़िल्म को कैसे बैन किया जा सकता है. इतना ही नहीं चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने फिल्म पद्मावत की तुलना बैंडिट क्वीन से करते हुए पद्मावत की तारीफ की.
एक कार्यक्रम में जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अगर बैंडिट क्वीन के रिलीज को सुप्रीम कोर्ट रिलीज की इजाजत दे सकता है तो पद्मावत इसके आगे कुछ नही. निजिता एक संवैधानिक कॉन्सेप्ट है जिसको मैं हमेशा मानता हूं मेरा घर मेरा घोसला है आप मेरे घर में मुझे कैसे परेशान कर सकते है. अगर आप वकील ही क्यों न हो अगर आपको मुझ से मिलना है तो पहले अपॉइंटमेंट लेना होगा. मेरा वक़्त मेरा वक़्त है, मेरा जीवन मेरा जीवन है. मेरे लिए मेरी निजता सर्वोच्च है, जिसे रामलीला मैदान में फैसला देते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में भी माना था.
गौरतलब है कि रणवीर सिंह, शाहिद कपूर और दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावत को लेकर देशभर में राजपूत व हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किये गए थे जिसके बाद कई सरकारों ने फिल्म पद्मावत को बैन करने का निर्णय लिया गया था. हालांकि 26 जनवरी 2018 को यह फिल्म तमाम विरोध के बाद रिलीज हुई और फिल्म ने करोड़ों रुपये का बिजनेस किया. बता दें फिल्म को बैन करने के लिए कई संगठनों ने तर्क दिया था कि इसमें राजपूतों का अपमान किया गया है. जिसके लिए फिल्म को बैन की मांग की गई थी.
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