नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोट बैन के बाद काफी दूसरे फैसले भी लिए गए. इन फैसलों में एक ही व्यक्ति के जरिए पुरानी करेंसी को कई बार एक्सचेंज कराने को रोकने के लिए सरकार ने बैंकों को स्याही लगाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद इस स्याही को हटाने के लिए गूगल की खासी मदद ली जा रही है.
कई बार नोट एक्चेंज कराने की प्रक्रिया को रोकने के लिए बैंकों को इनडेलिबल इंक का इस्तेमाल करने को कहा गया था. इसके बाद गूगल पर ‘इनडेलिबल इंक रिमूवल’ को लेकर सबसे ज्यादा सर्च किया गया है. चुनावों में इसी स्याही का इस्तेमाल चुनाव में वोट डालने के समय लोगों को मार्क करने के लिए किया जाता है.
इस मामले में मुंबई और दिल्ली आगे
15 नवंबर के दिन से बैंकों ने स्याही का इस्तेमाल शुरू किया था. जिसके बाद गूगल ट्रेंड्स डेटा के आंकड़ों में इसी दिन indelible ink removal सर्च में बढ़ोतरी देखी गई है. इनमें दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा इस बारे में सर्च किया जा रहा है. गूगल के डेटा के मुताबिक मुंबई और दिल्ली इन तरीकों को सर्च करने में लगभग बराबर रहे हैं जबकि उसके बाद बेंगलूरु के लोगों ने सबसे ज्यादा इन तरीकों को सर्च किया है.
हाउ टू कनवर्ट ब्लैक मनी टू व्हाइट मनी भी हुआ था ट्रेंड
कालेधन को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किए जाने का ऐलान किया था. जिसके बाद ‘हाउ टू कनवर्ट ब्लैक मनी टू व्हाइट मनी’ भी गूगल पर काफी ट्रेंड हुआ था. वहीं अब लोग इनडेलिबल इंक को हटाने के तरीके खोजने के लिए गूगल का इस्तेमाल कर रहे हैं और लगातार इस बारे में सर्च कर रहे हैं.
बता दें कि बैंकों को करेंसी बदलने वाले लोगों के दाहिने हाथ में स्याही से निशान लगाने को कहा था. वहीं चुनाव में वोटिंग में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए वोट देने वालों के बांए हाथ में स्याही से निशान लगाया जाता है. इस स्याही को आसानी से नहीं हटाया जा सकता है.